




ब्राज़ील के सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को भ्रष्टाचार, सत्ता का दुरुपयोग और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने के आरोपों में 27 साल की कैद की सज़ा सुनाई है। यह फैसला लैटिन अमेरिका की राजनीति में ऐतिहासिक माना जा रहा है।
🔹 आरोप और फैसला
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बोलसोनारो पर आरोप था कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी ठेकों और चुनावी फंडिंग में हेराफेरी की।
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अदालत ने माना कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए लोकतंत्र विरोधी कदम उठाए और संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुँचाया।
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फैसले के मुताबिक बोलसोनारो को 27 साल जेल की सजा भुगतनी होगी, साथ ही उन्हें राजनीति में भाग लेने से भी रोक दिया गया है।
🔹 बोलसोनारो की प्रतिक्रिया
बोलसोनारो ने कोर्ट के फैसले को “राजनीतिक साजिश” बताया है। उन्होंने कहा कि वे निर्दोष हैं और इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे। उनके समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे हैं और राजधानी ब्रासीलिया समेत कई शहरों में प्रदर्शन तेज हो गए हैं।
🔹 ट्रंप का बयान
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा –
“यह ब्राज़ील और लोकतंत्र दोनों के लिए बहुत बुरा है। बोलसोनारो मेरे दोस्त हैं और उनके साथ अन्याय हुआ है।”
ट्रंप ने दावा किया कि बोलसोनारो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई “राजनीतिक प्रतिशोध” से प्रेरित है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र की छवि को कमजोर करेगा।
🔹 अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
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संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने ब्राज़ील सरकार से अपील की है कि फैसले के बाद शांति और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखा जाए।
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विश्लेषकों का कहना है कि यह फैसला लैटिन अमेरिका में “एंटी-इन्कम्बेंट मूवमेंट” को और तेज करेगा, जहां भ्रष्टाचार के मामलों में कई पूर्व राष्ट्रपतियों को जेल की सजा मिली है।
बोलसोनारो को मिली 27 साल की सज़ा ब्राज़ील की राजनीति में भूचाल ला सकती है। जहां विपक्ष इसे लोकतंत्र की जीत बता रहा है, वहीं उनके समर्थक इसे साजिश मान रहे हैं। इस बीच ट्रंप का बयान इस मामले को अंतरराष्ट्रीय रंग देता है।