




उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले युवक अर्पित का नाम इन दिनों सोशल मीडिया और सुरक्षा एजेंसियों की नज़र में है। आरोप है कि अर्पित इंग्लैंड से बैठकर भारत विरोधी और संवेदनशील विषयों पर भड़काऊ पोस्ट कर रहा था। इतना ही नहीं, उसका नाम नेपाल में हाल में हुए Gen Z विरोध प्रदर्शनों से भी जोड़ा जा रहा है।
🔹 इंग्लैंड से सक्रिय था अर्पित
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पुलिस और खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया है कि अर्पित ने इंग्लैंड से कई एंटी-नेशनल कंटेंट पोस्ट किए।
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इनमें भारत सरकार की नीतियों की आलोचना, संवेदनशील मुद्दों पर भड़काऊ कमेंट और पड़ोसी देशों से जुड़े पोस्ट शामिल थे।
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कई पोस्ट वायरल हुए जिन पर विवाद बढ़ा।
🔹 नेपाल आंदोलन से कनेक्शन
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हाल ही में नेपाल में Gen Z आंदोलन छिड़ा हुआ है, जो सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ था।
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जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि अर्पित ने इस आंदोलन से जुड़े कुछ सपोर्टिव पोस्ट शेयर किए और उन्हें भारत विरोधी नैरेटिव से जोड़ने की कोशिश की।
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इस वजह से उसका नाम नेपाल के विरोध प्रदर्शनों से भी जोड़ा जा रहा है।
🔹 सुरक्षा एजेंसियों की नजर
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भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अर्पित की ऑनलाइन गतिविधियों पर बारीकी से नज़र रख रही हैं।
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कहा जा रहा है कि उसके पोस्ट कई विदेशी अकाउंट्स और विवादित नेटवर्क से भी साझा किए गए।
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एजेंसियां यह भी जांच कर रही हैं कि क्या अर्पित का किसी संगठित समूह या विदेशी ताकत से सीधा संबंध है।
🔹 परिवार का बयान
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अर्पित के परिवार ने कहा कि उनका बेटा पढ़ाई और काम के सिलसिले में इंग्लैंड में है और उसके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे और निराधार हैं।
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परिवार ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
🔹 नेपाल में माहौल गर्म
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नेपाल में चल रहे आंदोलन में भारत का नाम खींचने की कोशिशों पर नेपाल और भारत दोनों देशों में चिंता जताई जा रही है।
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राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला दोनों देशों के बीच राजनयिक संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है।
बुलंदशहर के अर्पित पर लगे आरोप सिर्फ सोशल मीडिया विवाद नहीं हैं, बल्कि यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी संवेदनशील हो गया है। इंग्लैंड से की गई उनकी पोस्ट और नेपाल आंदोलन से संभावित जुड़ाव ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले पर और बड़ी कार्रवाई संभव है।