• Create News
  • Nominate Now

    चार साल की खोज के बाद मिला नाम — करण जौहर की टीम ने कैसे पाया केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग़

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

         बॉलीवुड में हर फिल्म का नाम सिर्फ एक पहचान नहीं होता, बल्कि उसकी आत्मा और कहानी का प्रतीक होता है। मशहूर फिल्मकार करण जौहर ने हाल ही में एक राउंडटेबल चर्चा में खुलासा किया कि उनकी बहुप्रतीक्षित फिल्म केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग़ को परफेक्ट नाम देने में पूरी टीम को चार साल लग गए।

    करण ने कहा कि फिल्म का विषय बेहद संवेदनशील और ऐतिहासिक महत्व से जुड़ा हुआ था। ऐसे में नाम चुनते समय कोई जल्दबाज़ी नहीं की गई। टीम ने लगातार विचार-विमर्श किया और तब जाकर यह शीर्षक चुना गया, जो फिल्म की आत्मा और ऐतिहासिक महत्व दोनों को दर्शाता है।

    1919 का जलियांवाला बाग़ नरसंहार भारतीय इतिहास का वह काला अध्याय है जिसने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। सैकड़ों निर्दोष लोग ब्रिटिश शासन की गोलियों का शिकार हुए और इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया।

    केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग़ इसी दर्दनाक लेकिन प्रेरणादायक इतिहास को पर्दे पर जीवंत करने का प्रयास है। फिल्म दर्शकों को उस समय की क्रूरता और भारतीयों के साहस दोनों का गवाह बनाएगी।

    करण जौहर ने कहा कि यह फिल्म सिर्फ एक सीक्वल नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि फिल्म का नाम तय करते समय बार-बार यह सवाल उठता रहा कि क्या यह शीर्षक उस ऐतिहासिक घटना के साथ न्याय करता है।

    टीम ने कई सुझावों पर काम किया, लेकिन किसी में भी वह गहराई नहीं दिखी जो इस कहानी की मांग थी। अंततः केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग़ वह नाम साबित हुआ जो इतिहास, भावना और कहानी — तीनों को जोड़ता है।

    बॉलीवुड में टाइटल सिर्फ दर्शकों को आकर्षित करने का साधन नहीं होता। यह फिल्म की पहचान और उसकी विरासत बन जाता है। इस फिल्म के नाम में ‘केसरी’ साहस और बलिदान का प्रतीक है, वहीं ‘अनटोल्ड स्टोरी’ दर्शकों को उस भूले हुए इतिहास से जोड़ने का वादा करती है जिसे पूरी तरह कभी बताया नहीं गया।

    फिल्म का प्रीमियर 13 सितंबर को रात 8 बजे स्टार गोल्ड पर किया जाएगा। इस ऐतिहासिक फिल्म को लेकर दर्शकों में पहले से ही उत्साह है। फिल्म के निर्माता मानते हैं कि यह प्रीमियर सिर्फ एक मनोरंजन शो नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक अनुभव होगा।

    टीम का मानना है कि यह फिल्म सिर्फ एक कहानी सुनाने तक सीमित नहीं है। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को जलियांवाला बाग़ जैसी ऐतिहासिक घटनाओं से जोड़ना है। इस प्रयास के जरिए न सिर्फ उस समय की त्रासदी को दिखाया जाएगा बल्कि उस दौर के संघर्ष और बलिदान को भी सामने लाया जाएगा।

    केसरी चैप्टर 2 का नामकरण इस बात का प्रतीक है कि बड़े प्रोजेक्ट में धैर्य, गहन शोध और संवेदनशीलता कितनी महत्वपूर्ण होती है। करण जौहर और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया कि जब विषय इतिहास से जुड़ा हो, तो उसे पूरी गंभीरता और जिम्मेदारी से प्रस्तुत करना चाहिए।

    चार साल की लंबी खोज और विचार-विमर्श के बाद आखिरकार करण जौहर और उनकी टीम ने अपनी फिल्म के लिए परफेक्ट नाम पाया। केसरी चैप्टर 2: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जलियांवाला बाग़ सिर्फ एक सीक्वल नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक गाथा है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सीख और प्रेरणा का स्रोत बनेगी।

    अब देखने वाली बात यह होगी कि दर्शक इस फिल्म को कितनी गहराई से अपनाते हैं और क्या यह फिल्म इतिहास के उस भूले हुए अध्याय को वह सम्मान दिला पाएगी जिसकी वह हकदार है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    द ग्रेट इंडियन कपिल शो 3′ में श्रीया सरन ने पति एंड्री कोशेव से जुड़ी दिलचस्प बातें साझा कीं

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ के तीसरे सीज़न में इस सप्ताह दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सितारों का…

    Continue reading
    बॉलीवुड के 7 बाहरी सितारे जिन्होंने बिना फिल्मी पृष्ठभूमि के बनाया बड़ा मुकाम

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      बॉलीवुड लंबे समय तक नेपोटिज़्म और स्टार किड्स की वजह से चर्चा में रहा है। लेकिन हाल के…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *