




भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में पौराणिक कथाओं और धार्मिक महाकाव्यों को बड़े पर्दे पर लाने की परंपरा नई नहीं है। लेकिन जब बात रामायण जैसी कालजयी कृति की हो, तो उम्मीदें और भी बढ़ जाती हैं। निर्देशक नितेश तिवारी, जो दंगल और छिछोरे जैसी फिल्मों से अपनी गहरी छाप छोड़ चुके हैं, अब अपनी सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना रामायण को लेकर चर्चा में हैं।
फिल्म में रणबीर कपूर भगवान राम की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि साई पल्लवी माता सीता के किरदार में नजर आएंगी। वहीं, यश (KGF फेम) रावण का दमदार किरदार निभा रहे हैं। अब ताजा जानकारी के मुताबिक, फिल्म में इस्तेमाल होने वाली भाषा यानी हिंदी को बहुत ही सरल और सहज रखा जाएगा ताकि यह फिल्म हर वर्ग और हर उम्र के दर्शकों तक आसानी से पहुंच सके।
फिल्म के निर्माताओं का मानना है कि रामायण सिर्फ एक कहानी नहीं बल्कि करोड़ों भारतीयों की आस्था और भावनाओं का केंद्र है। ऐसे में यह जरूरी है कि इसके संवाद इतने सरल हों कि देश के कोने-कोने से लेकर विदेशों में बसे भारतीय दर्शक भी इसे बिना किसी कठिनाई के समझ सकें।
आजकल फिल्मों और वेब सीरीज़ में अक्सर जटिल हिंदी या संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग किया जाता है, जिससे आम दर्शक संवादों से दूरी महसूस करता है। नितेश तिवारी ने यह सुनिश्चित किया है कि रामायण में ऐसी भाषा का प्रयोग न हो। उन्होंने विशेषज्ञ लेखकों की एक टीम के साथ मिलकर संवादों को इस तरह तैयार किया है कि उनमें भावनाओं की गहराई भी हो और आम आदमी की समझदारी के दायरे में भी आएं।
निर्माताओं का मकसद इस फिल्म को केवल भारतीय दर्शकों तक सीमित रखना नहीं है, बल्कि इसे एक ग्लोबल सिनेमा एक्सपीरियंस के रूप में प्रस्तुत करना है। फिल्म का बजट भी करीब ₹600 करोड़ से ज्यादा बताया जा रहा है, जो इसे भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी फिल्मों में शुमार करता है।
सरल हिंदी संवादों का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस फिल्म का डबिंग और सबटाइटल वर्ज़न कई भाषाओं में रिलीज़ होगा – जैसे तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, अंग्रेज़ी, स्पेनिश, फ्रेंच और अरबी। ऐसे में मूल हिंदी संस्करण जितना सरल और सहज होगा, अन्य भाषाओं में उसका अनुवाद उतना ही आसान और प्रभावी हो सकेगा।
रणबीर कपूर, जो इस समय अपने करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण रोल में हैं, ने भी संवादों को लेकर विशेष तैयारी की है। सूत्रों के अनुसार, रणबीर ने अपनी आवाज़, उच्चारण और संवाद अदायगी पर महीनों तक मेहनत की है ताकि भगवान राम की छवि में किसी तरह की कृत्रिमता न लगे।
रणबीर ने इंटरव्यू में कहा था, “रामायण केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की आत्मा है। इसे निभाना मेरे लिए जिम्मेदारी है। मुझे खुशी है कि संवाद सरल और सीधी भाषा में हैं, ताकि लोग इसे दिल से महसूस कर सकें।”
फिल्म के सेट्स और विजुअल इफेक्ट्स पर भी गहन काम चल रहा है। नितेश तिवारी ने हॉलीवुड की कई प्रमुख VFX कंपनियों के साथ करार किया है, ताकि रामायण को विश्वस्तरीय भव्यता दी जा सके।
बताया जा रहा है कि अयोध्या, लंका और वनवास के दृश्यों को बनाने के लिए CGI और वर्चुअल प्रोडक्शन तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। फिल्म का लक्ष्य है कि यह द लॉर्ड ऑफ द रिंग्स और अवतार जैसी फिल्मों की श्रेणी में खड़ी नजर आए।
पौराणिक कथाओं पर आधारित फिल्मों में अक्सर विवाद खड़े हो जाते हैं। इसलिए इस बार निर्माताओं ने धर्मगुरुओं और विद्वानों की राय लेकर ही स्क्रिप्ट को अंतिम रूप दिया है। संवादों और दृश्यों को इस तरह गढ़ा गया है कि कहीं भी धार्मिक भावनाएं आहत न हों।
फिल्म रामायण को तीन भागों में बनाने की योजना है। पहला भाग 2026 की शुरुआत में रिलीज़ किया जाएगा। पहले भाग में भगवान राम के बाल्यकाल से लेकर माता सीता के स्वयंवर और वनवास तक की कहानी दिखाई जाएगी।
फिल्म ट्रेड एनालिस्ट्स का मानना है कि यह प्रोजेक्ट भारतीय सिनेमा की दिशा बदल सकता है। जिस तरह बाहुबली और RRR ने भारतीय फिल्मों का मान बढ़ाया, उसी तरह रामायण भारत को वैश्विक सिनेमा में नई पहचान दिला सकती है।
नितेश तिवारी और रणबीर कपूर की रामायण सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था का भव्य उत्सव बनने जा रही है। संवादों की सरल हिंदी इस फिल्म को हर वर्ग के दर्शकों से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी।