




देश को नया उपराष्ट्रपति मिल गया है। राधाकृष्णन ने आज राजधानी दिल्ली में आयोजित विशेष समारोह में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल के सदस्य, कई राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।
🔹 राधाकृष्णन ने ली शपथ
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राधाकृष्णन ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में संविधान की रक्षा और राष्ट्र की सेवा की शपथ ली।
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शपथ राष्ट्रपति के समक्ष दिलाई गई।
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समारोह के दौरान पूरा माहौल गरिमामय रहा और नेताओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया।
🔹 पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी रहे मौजूद
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शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद रहे।
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उन्होंने राधाकृष्णन को बधाई दी और कहा कि “यह पद बड़ी जिम्मेदारी और गरिमा का प्रतीक है। मुझे विश्वास है कि राधाकृष्णन संविधान की मर्यादा को बनाए रखते हुए देश की सेवा करेंगे।”
🔹 विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के नेता शामिल
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इस मौके पर सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही खेमों के नेताओं ने एक साथ उपस्थिति दर्ज कराई।
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कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित कई दलों के नेता कार्यक्रम में शामिल हुए।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण के बाद राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि “उनका अनुभव और दृष्टिकोण आने वाले वर्षों में संसद और राष्ट्र दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।”
🔹 उपराष्ट्रपति की भूमिका
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उपराष्ट्रपति देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर होते हैं।
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वे राज्यसभा के सभापति के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और संसद की कार्यवाही को सुव्यवस्थित ढंग से चलाने की जिम्मेदारी निभाते हैं।
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राधाकृष्णन से उम्मीद की जा रही है कि वे संसद में संवाद और सहमति की संस्कृति को और आगे बढ़ाएंगे।
🔹 राजनीतिक महत्व
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राधाकृष्णन की नियुक्ति को राजनीतिक रूप से भी अहम माना जा रहा है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं में स्थिरता और नई ऊर्जा लाएगा।
राधाकृष्णन का उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होना देश के राजनीतिक परिदृश्य में एक नया अध्याय है। उनकी पृष्ठभूमि, अनुभव और सरल व्यक्तित्व उन्हें इस गरिमामय पद के लिए उपयुक्त बनाते हैं। अब सबकी नज़र इस बात पर होगी कि वे राज्यसभा और राष्ट्रीय राजनीति में किस तरह संतुलन और मजबूती लाते हैं।