




भारत सरकार लगातार यात्रियों को सुविधाजनक यात्रा अनुभव देने की दिशा में काम कर रही है। इसी कड़ी में गृहमंत्री अमित शाह ने एक नई पहल की घोषणा की है। अब पासपोर्ट जारी होते ही उसे फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन और ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा।
यह कदम उन यात्रियों के लिए बड़ा बदलाव साबित होगा जो अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते हैं। इससे उन्हें हवाई अड्डों पर इमिग्रेशन की लंबी कतारों और समय की बर्बादी से छुटकारा मिलेगा।
इस योजना के तहत जब भी किसी नागरिक को नया पासपोर्ट जारी होगा, उसी समय उसे फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन सिस्टम से लिंक कर दिया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि यात्रियों को अलग से पंजीकरण या प्रक्रिया पूरी करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गृह मंत्रालय का कहना है कि इससे न केवल यात्रियों का समय बचेगा, बल्कि एयरपोर्ट पर भीड़ और दबाव कम होगा।
अमित शाह ने कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विज़न का हिस्सा है, जिसके तहत भारत को आधुनिक और यात्री-अनुकूल बनाने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भारत अब उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा जहां पासपोर्ट और इमिग्रेशन प्रक्रिया को तकनीक के जरिए एकीकृत किया जाएगा। उनका कहना था, “हमारी कोशिश है कि भारतीय नागरिकों को विश्वस्तरीय यात्रा सुविधाएं मिलें और उनका अनुभव और भी आसान और सुरक्षित बने।”
यात्रियों के लिए क्या होगा फायदा?
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समय की बचत: अब यात्रियों को लंबी कतारों से नहीं गुजरना पड़ेगा।
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सुविधाजनक यात्रा: पासपोर्ट और इमिग्रेशन जानकारी एक साथ जुड़ी होगी, जिससे प्रक्रिया बेहद सरल होगी।
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सुरक्षा में मजबूती: डिजिटल लिंकिंग से सुरक्षा जांच और मजबूत होगी।
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अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा: भारतीय यात्रियों को भी वही सुविधाएं मिलेंगी जो विकसित देशों में उपलब्ध हैं।
भारत में लगातार बढ़ते हवाई यात्रियों की संख्या को देखते हुए एयरपोर्ट पर भीड़ एक बड़ी समस्या बन गई है। फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन सुविधा से यात्रियों की आवाजाही तेज होगी और अधिकारियों पर दबाव भी कम होगा। गृह मंत्रालय का मानना है कि इस योजना से एयरपोर्ट प्रबंधन में दक्षता बढ़ेगी और यात्रियों का भरोसा भी मजबूत होगा।
अमेरिका, यूरोप और सिंगापुर जैसे देशों में पहले से ही ट्रस्टेड ट्रैवलर प्रोग्राम मौजूद हैं। भारत भी अब इस श्रेणी में शामिल होकर अपने यात्रियों को विश्वस्तरीय अनुभव देने जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से भारत की वैश्विक छवि और मजबूत होगी और पर्यटन एवं व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा।
सरकार का इरादा है कि आने वाले वर्षों में इस योजना का दायरा और बढ़ाया जाए। धीरे-धीरे सभी प्रमुख हवाई अड्डों को इस सुविधा से लैस किया जाएगा और यात्रियों के लिए एकीकृत डिजिटल प्रणाली तैयार की जाएगी। इसके अलावा, यह भी संभावना है कि भविष्य में इस सुविधा को अन्य ट्रैवल डॉक्यूमेंट जैसे OCI कार्ड और वीज़ा से भी जोड़ा जाए।
अमित शाह की नई योजना भारत के अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकती है। पासपोर्ट को जारी होते ही फास्ट-ट्रैक इमिग्रेशन से लिंक करना न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि भारत को आधुनिक और तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनाने की दिशा में भी एक अहम कदम होगा।