




मुख्यमंत्री मोहन यादव का मण्डसौर स्थित गांधीसागर झील में निर्धारित हॉट एयर बलून राइड अचानक रद्द कर दिया गया। राइड से ठीक पहले बलून में छोटी आग लगने की घटना हुई, जिसे समय रहते कंट्रोल किया गया। सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने तत्काल राइड रद्द कर दिया।
🔹 घटना का विवरण
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हॉट एयर बलून को सुबह के समय उड़ान के लिए तैयार किया गया था।
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बलून में थोड़ी तकनीकी खराबी के कारण आग लग गई, जो कर्मचारियों और सुरक्षा टीम द्वारा जल्द ही काबू पा ली गई।
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मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके सुरक्षा कर्मियों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।
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कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ।
🔹 सुरक्षा प्रोटोकॉल ने काम किया
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प्रशासन ने घटना को लेकर कहा कि सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल समय पर लागू किए गए, जिस वजह से कोई बड़ा हादसा टल गया।
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बलून राइड रद्द करने का निर्णय सीएम और सुरक्षा टीम की सलाह के बाद लिया गया।
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आयोजकों ने बताया कि बलून में लगी आग बहुत छोटी थी, लेकिन सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
🔹 मुख्यमंत्री का बयान
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सीएम मोहन यादव ने कहा कि “सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। मुझे किसी भी प्रकार का खतरा नहीं हुआ और प्रशासन ने तुरंत उचित कदम उठाए। हम भविष्य में इस तरह की गतिविधियों को और सुरक्षित बनाने के उपाय करेंगे।”
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उन्होंने जनता और मीडिया को आश्वस्त किया कि सुरक्षा में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई।
🔹 पर्यटन और कार्यक्रम पर असर
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गांधीसागर झील में हॉट एयर बलून राइड को पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों के लिए आकर्षण के रूप में पेश किया गया था।
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इस घटना के कारण आज की राइड रद्द कर दी गई, लेकिन आयोजक भविष्य में नई तिथियों की घोषणा करेंगे।
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स्थानीय पर्यटन विभाग ने कहा कि सभी सुरक्षा मानकों के पालन के बाद ही उड़ान को दोबारा शुरू किया जाएगा।
🔹 विशेषज्ञों की राय
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एविएशन और एडवेंचर स्पोर्ट्स विशेषज्ञों का कहना है कि हॉट एयर बलून राइड में सुरक्षा सबसे अहम होती है।
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छोटी आग जैसी घटनाएं सामान्य हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
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विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि बलून राइड आयोजकों को नियमित सुरक्षा जाँच और तकनीकी निरीक्षण करना चाहिए।
मण्डसौर के गांधीसागर में सीएम मोहन यादव का हॉट एयर बलून राइड रद्द होना सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही कदम था। घटना से यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन और सुरक्षा टीम सतर्क और त्वरित कार्रवाई में सक्षम हैं। भविष्य में इस तरह के एडवेंचर कार्यक्रमों में सुरक्षा मानकों को और कड़ा करना आवश्यक है।