• Create News
  • Nominate Now

    नेपाल में पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं सुशीला कार्की, संसद भंग, चुनाव की तारीखों का ऐलान – जानें शुक्रवार की रात पड़ोसी देश में क्या-क्या हुआ

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

         नेपाल ने शुक्रवार रात एक ऐतिहासिक मोड़ लिया जब राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। इसके साथ ही संसद को भंग कर दिया गया और आगामी आम चुनाव की तारीख 5 मार्च 2026 घोषित की गई।

    राष्ट्रपति पौडेल ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद संविधान के अनुच्छेद 61(4) का उपयोग करते हुए संसद को भंग करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, उन्होंने सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया और आगामी आम चुनाव की तारीख 5 मार्च 2026 घोषित की।

    सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं। उनके कार्यकाल में उन्होंने कई महत्वपूर्ण भ्रष्टाचार मामलों में सख्त फैसले सुनाए, जिससे उनकी छवि एक ईमानदार और स्वतंत्र न्यायाधीश की बनी। उनके नेतृत्व में नेपाल में न्यायपालिका को मजबूती मिली।

    8 सितंबर को शुरू हुए Gen Z आंदोलन ने नेपाल की राजनीति में भूचाल ला दिया। युवाओं ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस आंदोलन के दबाव में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद, सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में सामने आया, जिसे विभिन्न राजनीतिक दलों और Gen Z आंदोलनकारियों ने समर्थन दिया।

    सुशीला कार्की ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को स्वतंत्र रूप से कार्य करने दिया जाएगा। इसके साथ ही, उन्होंने कैबिनेट गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों और Gen Z आंदोलनकारियों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

    सुशीला कार्की ने भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं, जिन्हें और मजबूत किया जाएगा। भारत ने भी सुशीला कार्की को प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी है और नेपाल के साथ सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई है।

    सुशीला कार्की के नेतृत्व में नेपाल को राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद है। उनका लक्ष्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाना, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण पाना और आर्थिक विकास को गति देना है। हालांकि, उनके सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें राजनीतिक दलों के बीच सामंजस्य स्थापित करना और चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाना शामिल है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    कर्नाटक सरकार 420 करोड़ की लागत से राज्य में कराएगी जाति जनगणना, जानिए क्या है फैसला

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।      कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घोषणा की कि राज्य में…

    Continue reading
    सेवा पखवाड़ा कार्यशाला आज भादरा में, विधायक संजीव बेनीवाल देंगे मार्गदर्शन

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। संवाददाता | राजेश चौधरी | हनुमानगढ़ (राजस्थान)-भारतीय जनता पार्टी आगामी सेवा पखवाड़ा (17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025) को लेकर…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *