• Create News
  • Nominate Now

    कांग्रेस का आरोप: टेंडर गेम में बालकृष्णन का नाम, कहा- “भ्रष्टाचार की सारी हदें पार”

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    देश की राजनीति में इन दिनों चर्चित टेंडर गेम विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। कांग्रेस ने केंद्र और उत्तराखंड सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि कई बड़े प्रोजेक्ट्स की बोली लगाने वाली कंपनियों में एक ही व्यक्ति – बालकृष्णन – की हिस्सेदारी सामने आई है। पार्टी ने कहा कि यह मामला सिर्फ कॉर्पोरेट हेरफेर नहीं, बल्कि सरकार के संरक्षण में चल रहे “भ्रष्टाचार का संगठित खेल” है।

    🔹 कांग्रेस का हमला

    कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:

    • “एक्सप्रेस की जांच ने यह साफ कर दिया है कि तीन कंपनियों ने सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बोली लगाई, और तीनों में बालकृष्णन का शेयरहोल्डिंग है। यह निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा नहीं बल्कि ‘मैनेज्ड बिडिंग’ है।”

    • कांग्रेस नेताओं का कहना है कि इस तरह की हेराफेरी से सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं और जनता के पैसे की लूट होती है।

    🔹 “भ्रष्टाचार की सारी हदें पार”

    कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं

    • पार्टी नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय भाजपा “पारदर्शिता” और “जनता के पैसे की सुरक्षा” की बातें करती है, लेकिन हकीकत में सबसे बड़े घोटाले इन्हीं के कार्यकाल में हो रहे हैं।

    • कांग्रेस ने मांग की है कि इस पूरे टेंडर गेम की न्यायिक जांच हो और इसमें शामिल सभी अधिकारियों और नेताओं की जिम्मेदारी तय की जाए।

    🔹 विपक्षी दलों का समर्थन

    • कांग्रेस के आरोपों का समर्थन करते हुए अन्य विपक्षी दलों ने भी कहा कि यह मामला सिर्फ उत्तराखंड या एक प्रोजेक्ट तक सीमित नहीं है, बल्कि देशभर में हो रहे कॉन्ट्रैक्ट्स में बड़े स्तर पर गड़बड़ियों का संकेत देता है।

    • विपक्ष ने कहा कि अगर सरकार ईमानदार है तो उसे तुरंत बालकृष्णन और कंपनियों की हिस्सेदारी से जुड़े दस्तावेज सार्वजनिक करने चाहिए।

    🔹 भाजपा का पलटवार

    भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। पार्टी ने कहा कि:

    • “कांग्रेस जब सत्ता में थी, तब टेंडर माफिया फला-फूला। आज जब ई-टेंडरिंग और डिजिटल मॉनिटरिंग से पारदर्शिता आई है, तो विपक्ष झूठा प्रोपेगेंडा चला रहा है।”

    • भाजपा नेताओं का दावा है कि सारी प्रक्रिया पारदर्शी और नियमों के अनुसार हुई है।

    🔹 जनता के सवाल

    टेंडर गेम विवाद ने जनता के बीच भी चर्चा छेड़ दी है।

    • लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या सरकारी प्रोजेक्ट्स वास्तव में निष्पक्ष बोली प्रक्रिया से गुजरते हैं?

    • क्या सरकार जनता के पैसे से होने वाले कार्यों की निगरानी में विफल हो रही है?

    • क्या बार-बार एक ही कारोबारी समूह की हिस्सेदारी “फेवरिटिज्म” की ओर इशारा नहीं करती?

    🔹 विशेषज्ञों की राय

    आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कंपनियों में कॉमन शेयरहोल्डिंग का मामला सच है तो यह न सिर्फ प्रतिस्पर्धा कानून (Competition Act) का उल्लंघन है बल्कि सरकारी प्रोजेक्ट्स की साख को भी नुकसान पहुंचाएगा।

    • विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को इस मामले में पारदर्शिता दिखाते हुए नियामक संस्थाओं को जांच का आदेश देना चाहिए।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    7+ तीव्रता का भूकंप रूस के कामचटका तट के पास, सुनामी की चेतावनी जारी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। रूस के पूर्वी तट के पास कामचटका क्षेत्र में रविवार को 7.1 तीव्रता का भूकंप आया। भू-तत्व विज्ञानियों ने इसे…

    Continue reading
    पीटी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया, नेपाल हिंसा पर दिया बयान

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रसिद्ध धर्मगुरु पीटी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया और मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *