




संवादाता | पवन बंशीवाल | गढ़ी पनवेडा/हिण्डौन सिटी। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां शिक्षा अक्सर संसाधनों की कमी और चुनौतियों से जूझती है, वहीं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय गढ़ी पनवेडा के शिक्षकों ने एक नई मिसाल पेश की है। यहां के शिक्षक केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बच्चों की जरूरतों को पूरा कर ‘भामाशाह’ की भूमिका भी निभा रहे हैं।
विद्यालय के संस्था प्रधान शिवराम मीना के नेतृत्व में शिक्षक पिछले तीन वर्षों से विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य कर रहे हैं। हाल ही में विद्यालय के 95 विद्यार्थियों को नए जूते और परिचय पत्र वितरित किए गए। बच्चों के चेहरों पर मुस्कान ने इस पहल की सफलता को और भी खास बना दिया।
हर वर्ष की तरह, इस बार भी सर्दियों में गर्म कपड़े और स्टेशनरी बांटी गई। यह पहल इस बात को साबित करती है कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के भविष्य को संवारने का एक समग्र प्रयास है।
शिक्षकों की यह अनूठी पहल समाज के लिए प्रेरणा है। उन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर शिक्षक ठान लें, तो वे छात्रों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। गढ़ी पनवेडा विद्यालय के शिक्षक सचमुच ‘भामाशाह’ हैं — जो बच्चों को न केवल शिक्षा का दान दे रहे हैं बल्कि उनके सपनों को पंख भी लगा रहे हैं।