




उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में आयोजित पारंपरिक मेले में इस बार माहौल अचानक गरमा गया। एक पंजाबी सिंगर जब मंच पर आए तो उन्होंने अपनी प्रस्तुति के दौरान ‘RLD आई रे’ गीत गाना शुरू किया। गीत के बोल सुनते ही वहां मौजूद कुछ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते पूरा मेला विवादों में घिर गया।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि मेला एक सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन है, जहाँ राजनीतिक नारेबाजी या किसी खास दल का प्रचार उचित नहीं है।
उनका आरोप था कि सिंगर द्वारा गाया गया गीत दरअसल राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के समर्थन में था, जिसे सुनकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मेला एक राजनीतिक मंच में बदल गया है।
कुछ कार्यकर्ताओं ने यहां तक कहा कि यह कदम राजनीतिक माहौल को प्रभावित करने की कोशिश है।
जैसे ही गायक ने ‘RLD आई रे’ गीत गाना शुरू किया, बीजेपी समर्थक अचानक मंच के पास पहुंच गए और प्रदर्शन करने लगे। कई कार्यकर्ताओं ने गायक को रोकने की कोशिश की। कुछ ने आयोजकों से इस पर आपत्ति दर्ज कराई। वहां मौजूद आम दर्शक भी स्थिति देखकर हैरान रह गए। हालांकि पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत हस्तक्षेप किया और मामला बढ़ने से रोक लिया।
मेले के आयोजकों का कहना है कि उन्होंने सिंगर को केवल मनोरंजन के लिए बुलाया था, न कि किसी राजनीतिक संदेश को फैलाने के लिए। आयोजकों के मुताबिक, गायक ने यह गीत अपने कार्यक्रम की सूची में पहले से शामिल किया था और उन्हें इस बात का अंदेशा नहीं था कि इससे विवाद खड़ा हो जाएगा।
इस पूरे विवाद पर राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के स्थानीय नेताओं ने कहा कि गायक ने गीत गाकर सिर्फ मनोरंजन किया, इसे राजनीतिक रंग देना उचित नहीं है। उनका कहना था कि बीजेपी कार्यकर्ता अनावश्यक रूप से मामले को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत कर रहे हैं।
यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो गई। RLD समर्थकों ने लिखा कि यह जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का प्रमाण है। वहीं बीजेपी समर्थकों ने इस घटना को लोकप्रिय मेले की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला कदम बताया। ट्विटर और फेसबुक पर #HathrasMela और #RLDsong जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
स्थानीय पुलिस ने बताया कि स्थिति को तुरंत संभाल लिया गया और किसी तरह की बड़ी गड़बड़ी नहीं होने दी गई।
पुलिस का कहना था कि भविष्य में ऐसे आयोजनों में सख्ती से निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी प्रकार का राजनीतिक माहौल न बन पाए।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह विवाद केवल एक गाने तक सीमित नहीं है बल्कि इसे आगामी चुनावी माहौल से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
हाथरस और आसपास के क्षेत्रों में RLD का अच्छा खासा जनाधार है और हाल ही में हुए कई राजनीतिक कार्यक्रमों में भीड़ जुटने से बीजेपी सतर्क दिखाई देती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे विवाद दरअसल स्थानीय राजनीति के बढ़ते तनाव का संकेत हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सांस्कृतिक आयोजनों को राजनीति से अलग रखना संभव है?
मेले जैसे आयोजनों का उद्देश्य लोगों को मनोरंजन और सांस्कृतिक जुड़ाव देना होता है, लेकिन जब ऐसे अवसरों पर राजनीतिक नारों और गीतों का इस्तेमाल होता है तो उसकी गरिमा प्रभावित होती है।
हाथरस मेले में पंजाबी गायक द्वारा ‘RLD आई रे’ गीत गाने से शुरू हुआ विवाद अब एक राजनीतिक बहस का रूप ले चुका है।
बीजेपी कार्यकर्ताओं का हंगामा और RLD समर्थकों की प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में आने वाले दिनों में और अधिक तनावपूर्ण माहौल देखने को मिल सकता है।