




कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने वायनाड दौरे के दौरान मशहूर पद्मश्री किसान चेरुवायल कुट्टप्पन से मुलाकात की। यह मुलाकात न सिर्फ राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही बल्कि किसानों के हितों को लेकर कांग्रेस की गंभीरता भी दर्शाती है। प्रियंका गांधी ने चेरुवायल के कृषि मॉडल को सराहा और कहा कि उनकी तरह के किसानों के अनुभव और समर्पण भारत की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण विकास की असली रीढ़ हैं।
🔹 कौन हैं चेरुवायल कुट्टप्पन?
चेरुवायल कुट्टप्पन को ‘सीड मैन ऑफ वायनाड’ कहा जाता है। उन्होंने पारंपरिक बीजों को संरक्षित करने और जैविक खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपने इस असाधारण कार्य के लिए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उनकी खेती का मॉडल किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है और उन्होंने कई दुर्लभ धान की प्रजातियों को बचाने का काम किया है।
🔹 प्रियंका गांधी की मुलाकात
प्रियंका गांधी वायनाड के अपने दौरे पर सीधे चेरुवायल के खेत पर पहुँचीं। उन्होंने खेतों का निरीक्षण किया और चेरुवायल से विस्तार से चर्चा की। प्रियंका ने किसानों की समस्याओं को ध्यान से सुना और आश्वासन दिया कि कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा:
“भारत की आत्मा गाँवों और किसानों में बसती है। अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है तो हमें किसानों के पारंपरिक ज्ञान और मेहनत को पहचानना होगा।”
🔹 किसानों की समस्याएँ और चर्चा
इस दौरान किसानों ने प्रियंका गांधी से अपनी परेशानियाँ साझा कीं, जिनमें प्रमुख थीं:
-
जलवायु परिवर्तन के कारण पैदावार में गिरावट।
-
बढ़ती लागत और घटते दामों से आर्थिक दबाव।
-
सरकारी योजनाओं की कमी और फंड की देरी।
-
पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की चुनौतियाँ।
प्रियंका गांधी ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाना और उनकी फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित करना कांग्रेस की प्राथमिकता रहेगी।
🔹 राजनीतिक संदेश
विशेषज्ञों का मानना है कि प्रियंका गांधी का यह कदम न सिर्फ किसानों के प्रति सहानुभूति दिखाता है बल्कि यह भी संकेत देता है कि कांग्रेस दक्षिण भारत, विशेषकर केरल और वायनाड, में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पहले से ही वायनाड से सांसद हैं, और प्रियंका का यह दौरा कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति को और मजबूती प्रदान करता है।
🔹 किसानों के लिए प्रियंका का संदेश
प्रियंका गांधी ने कहा कि चेरुवायल जैसे किसान यह साबित करते हैं कि परंपरा और आधुनिकता का संगम ही भविष्य की राह है। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि उनकी आवाज संसद और नीति-निर्माण तक पहुंचाई जाएगी।
प्रियंका गांधी और चेरुवायल की यह मुलाकात एक प्रतीकात्मक घटना है जो यह दर्शाती है कि देश में कृषि और किसानों का महत्व सर्वोपरि है। यह कांग्रेस के लिए राजनीतिक अवसर भी है और किसानों के लिए नैतिक समर्थन भी।
चेरुवायल जैसे किसानों की मेहनत और समर्पण को अगर नीति-निर्माण में सही जगह मिले, तो भारत की कृषि व्यवस्था और भी मजबूत हो सकती है।