इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

फिल्ममेकर अनुराग कश्यप बॉलीवुड में अपनी अलग शैली और दमदार कहानियों के लिए जाने जाते हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने खुलासा किया कि उनकी फिल्मों में सबसे चुनौतीपूर्ण और मजबूत महिला किरदार हमेशा ‘मंजरी’ नाम के होते हैं। अनुराग ने इस पर चर्चा करते हुए उदाहरण दिए जैसे रानी मुखर्जी की फिल्म ‘नायक’ और रवीना टंडन की फिल्म ‘शूल’।
अनुराग कश्यप ने कहा कि ‘मंजरी’ नाम उनके लिए एक प्रतीक बन गया है। यह नाम उनके नजरिए में महिलाओं की शक्ति, जिजीविषा और साहस का प्रतिनिधित्व करता है। अनुराग ने कहा:
“जब मैं कोई महिला किरदार बनाता हूँ जो बेहद मजबूत और चुनौतीपूर्ण हो, तो उसे हमेशा मंजरी नाम देता हूँ। यह नाम मेरे लिए एक तरह से आदर्श महिला का प्रतीक है।”
उन्होंने बताया कि ‘मंजरी’ नाम का इस्तेमाल उनके अनुभव और कहानी में गहराई लाने के लिए किया जाता है। यह सिर्फ नाम नहीं बल्कि उस किरदार की शक्तिशाली और प्रेरक पहचान बन जाता है।
फिल्मों के उदाहरण
-
रानी मुखर्जी – नायक:
अनुराग ने कहा कि रानी मुखर्जी का किरदार उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। मंजरी नाम ने किरदार की आत्मनिर्भरता और जुझारूपन को प्रदर्शित किया। -
रवीना टंडन – शूल:
शूल में भी अनुराग ने किरदार का नाम मंजरी रखा। यह किरदार कहानी में दमदार और यादगार था। अनुराग ने कहा कि इसे दर्शकों के दिलों में बिठाने में नाम का बड़ा योगदान था।
अनुराग के अनुसार, मंजरी नाम वाली महिलाएं उनकी फिल्मों में हमेशा कहानी को आगे बढ़ाने वाली और नायक के साथ एक सशक्त हिस्सेदार होती हैं।
अनुराग कश्यप की फिल्मों में महिला किरदार अक्सर सामाजिक दबाव, व्यक्तिगत संघर्ष और साहस का सामना करते हैं। मंजरी नाम के किरदार इन संघर्षों में स्थिर और साहसी रहते हैं।
अनुराग ने कहा कि यह नाम उन्हें रचनात्मक रूप से प्रेरित करता है और महिला किरदारों को उनकी फिल्मों में केंद्र में रखने में मदद करता है।
इसके अलावा अनुराग ने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की भूमिका को और अधिक मजबूत और प्रभावशाली बनाने की जरूरत है। मंजरी नाम का किरदार उनकी इस कोशिश का प्रतीक है।
अनुराग कश्यप की यह बात सोशल मीडिया और बॉलीवुड फैंस के बीच चर्चा का विषय बन गई। फैंस ने उनके ‘मंजरी’ नाम वाले किरदारों को याद किया और इसे उनकी रचनात्मक पहचान माना।
कुछ फैंस ने लिखा कि अनुराग ने नाम के माध्यम से जो पहचान बनाई है, वह उनके किरदारों को हमेशा यादगार बनाती है। यह न केवल फिल्मों के लिए बल्कि महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है।
अनुराग कश्यप की फिल्मों में कहानी, किरदार और सामाजिक संदेश का मिश्रण उन्हें अलग पहचान देता है। उनके अनुसार, नाम और किरदार का मेल कहानी को प्रभावशाली बनाता है।
अनुराग ने कहा कि मंजरी नाम वाले किरदारों में वह हमेशा गहराई, साहस और संवेदनशीलता देखने की कोशिश करते हैं।
अनुराग कश्यप की यह खुलासा दर्शाता है कि नाम सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि किरदार की आत्मा का प्रतिनिधित्व भी हो सकता है। रानी मुखर्जी की ‘नायक’ और रवीना टंडन की ‘शूल’ जैसी फिल्मों में मंजरी नाम के किरदार उनके फिल्मी विश्व में एक मजबूत और यादगार पहचान बन गए हैं।








