




दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (DUSU) चुनाव 2025 के लिए प्रचार का अंतिम दिन सोमवार को तनावपूर्ण हो गया। राजधानी के किरोरीमल कॉलेज (KMC) में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और राष्ट्रीय छात्रसंघ (NSUI) के समर्थकों के बीच जमकर नारेबाजी और धक्का-मुक्की हुई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कॉलेज प्रशासन को सुरक्षाकर्मियों और पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा।
यह झड़प उस समय हुई जब दोनों छात्र संगठनों के उम्मीदवार अपने-अपने समर्थकों के साथ अंतिम दौर के प्रचार में कॉलेज पहुंचे थे।
चश्मदीद छात्रों के अनुसार, सुबह करीब 11 बजे NSUI का प्रचार कार्यक्रम किरोरीमल कॉलेज में चल रहा था। इसी दौरान ABVP समर्थक भी अपने उम्मीदवार के साथ वहां पहुंचे। दोनों तरफ से नारेबाजी शुरू हुई और माहौल देखते ही देखते तनावपूर्ण हो गया।
-
पहले तो दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई।
-
बाद में कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई और धक्का-मुक्की शुरू हो गई।
-
कुछ छात्रों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया कि उनके पोस्टर और बैनर फाड़े गए।
-
कॉलेज कैंपस में अफरातफरी का माहौल बन गया।
जैसे ही स्थिति नियंत्रण से बाहर होती दिखी, कॉलेज प्रशासन ने तुरंत पुलिस को बुलाया। मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग किया और कॉलेज गेट के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और किसी भी बड़े हादसे से बचाव कर लिया गया। हालांकि, दोनों छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर मारपीट और उकसाने का आरोप लगाया है।
ABVP नेताओं ने आरोप लगाया कि NSUI कार्यकर्ताओं ने जानबूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। उनका कहना है कि NSUI को हार का डर है इसलिए वे छात्रों को गुमराह कर हिंसा का सहारा ले रहे हैं।
ABVP के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव प्रचार कर रहे हैं, लेकिन NSUI ने गुंडागर्दी की। हमने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है।”
वहीं, NSUI ने भी ABVP पर गंभीर आरोप लगाए। NSUI के नेताओं ने कहा कि ABVP कार्यकर्ताओं ने उनके प्रचार अभियान में बाधा डालने की कोशिश की।
NSUI के प्रवक्ता का कहना था, “ABVP छात्रों को डराने-धमकाने का काम कर रही है। हमने केवल अपने उम्मीदवार का प्रचार किया, लेकिन ABVP ने हमला किया।”
दिल्ली विश्वविद्यालय चुनाव आयोग ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। आयोग ने दोनों छात्र संगठनों को आचार संहिता का पालन करने की सख्त हिदायत दी है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई गईं तो संबंधित उम्मीदवारों की उम्मीदवारी भी रद्द की जा सकती है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। कई छात्रों ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर कैंपस के भीतर हुई झड़प की तस्वीरें साझा की हैं। इससे छात्र राजनीति पर बहस छिड़ गई है कि क्या विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक माहौल बनाए रखना अब संभव हो पाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस झड़प का सीधा असर मतदान पर पड़ सकता है।
-
ABVP और NSUI दोनों ही अपनी-अपनी छवि सुधारने की कोशिश में जुट गए हैं।
-
ABVP इस घटना को NSUI की “हताशा” बताकर प्रचारित कर रही है।
-
वहीं, NSUI इसे ABVP की “गुंडागर्दी” बताकर छात्रों के बीच सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रही है।
कई छात्रों ने इस झड़प पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि चुनाव प्रचार में बहस और विचारों का आदान-प्रदान होना चाहिए, हिंसा नहीं।
एक छात्र ने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे मुद्दों पर बात हो – फीस, हॉस्टल, रोजगार और सुरक्षा। लेकिन छात्र संगठन सिर्फ सत्ता की लड़ाई में लगे हुए हैं।”
अब जबकि चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका है, सभी निगाहें 18 सितंबर को होने वाले मतदान पर टिकी हैं। किरोरीमल कॉलेज की घटना ने माहौल को और गरमा दिया है। चुनाव परिणामों पर इस झड़प का क्या असर होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव हमेशा से देशभर में सुर्खियों में रहते हैं। इस बार भी अंतिम दिन की झड़प ने यह साबित कर दिया कि छात्र राजनीति केवल विश्वविद्यालय तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय राजनीति की झलक भी देती है।