




एशिया कप 2025 का रोमांच क्रिकेट फैंस के बीच चरम पर है, लेकिन मैदान से बाहर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने हाल ही में आईसीसी से मांग की थी कि मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट को उनके “पक्षपातपूर्ण निर्णयों” के चलते हटाया जाए। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इस मांग को खारिज कर दिया है।
🔹 पीसीबी की आपत्ति
सूत्रों के मुताबिक, पीसीबी ने आईसीसी को लिखित शिकायत भेजी थी। पाकिस्तान टीम प्रबंधन का आरोप था कि एंडी पाइक्रॉफ्ट ने एशिया कप के कई अहम मैचों में उनके खिलाफ फैसले लिए, जिनसे टीम का मनोबल प्रभावित हुआ। खासकर भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान लिए गए कुछ अंपायरिंग निर्णयों पर पीसीबी ने कड़ी नाराजगी जताई थी।
🔹 आईसीसी का रुख
आईसीसी ने पीसीबी की मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि एंडी पाइक्रॉफ्ट का रिकॉर्ड अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर निष्पक्ष और पेशेवर रहा है।
आईसीसी ने कहा कि सभी अंपायर और रेफरी अपने कर्तव्यों का पालन निष्पक्ष तरीके से करते हैं और किसी भी तरह के दबाव या राजनीतिक हस्तक्षेप के आगे झुकना संभव नहीं है।
आईसीसी प्रवक्ता ने बयान दिया—
“मैच रेफरी का चयन सख्त मानकों और योग्यता के आधार पर किया जाता है। किसी बोर्ड के आरोप मात्र पर कार्रवाई करना उचित नहीं है।”
🔹 क्रिकेट विशेषज्ञों की राय
कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि पीसीबी का यह कदम निराशा से प्रेरित है। पाकिस्तान टीम का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा और इसका ठीकरा रेफरी पर फोड़ने की कोशिश की गई।
पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने कहा, “एंडी पाइक्रॉफ्ट अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सीनियर रेफरी हैं। उन पर पक्षपात का आरोप लगाना गलत है।”
🔹 पाकिस्तान में बढ़ा विवाद
पाकिस्तान मीडिया में इस मुद्दे को खूब उछाला जा रहा है। कई पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने आईसीसी के फैसले की आलोचना की और कहा कि बोर्ड की चिंताओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए था।
हालांकि, पाकिस्तानी फैंस का एक तबका मानता है कि टीम को अपनी हार का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने के बजाय मैदान पर प्रदर्शन सुधारना चाहिए।
🔹 एशिया कप पर असर
आईसीसी के इस फैसले के बाद अब एंडी पाइक्रॉफ्ट ही एशिया कप 2025 में रेफरी की भूमिका निभाते रहेंगे। इसका सीधा संदेश यह है कि टूर्नामेंट में किसी भी तरह की प्रशासनिक या तकनीकी बाधा नहीं आने दी जाएगी।
क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम टूर्नामेंट की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए अहम है।
एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में विवादों का आना नई बात नहीं है। लेकिन आईसीसी का सख्त रुख यह दर्शाता है कि खेल की गरिमा और निष्पक्षता को सर्वोपरि रखा जाएगा।
पीसीबी की मांग खारिज होने के बाद अब पाकिस्तान क्रिकेट टीम पर दबाव और बढ़ गया है कि वह मैदान पर अपने प्रदर्शन से आलोचकों को जवाब दे।