




नागपुर की जानी-मानी चिकित्सक डॉ. मंजुषा गिरि ने इतिहास रच दिया है। वह इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) महाराष्ट्र शाखा की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई हैं। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की सफलता है, बल्कि पूरे चिकित्सा जगत के लिए प्रेरणादायी संदेश है कि अब नेतृत्व में भी महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है।
IMA महाराष्ट्र के चुनाव में इस बार करीब 12,408 मत डाले गए, जिनमें से डॉ. गिरि ने 6,783 वोट प्राप्त कर शानदार जीत दर्ज की। यह परिणाम उनकी लोकप्रियता, मेहनत और लंबे समय से किए गए सामाजिक एवं चिकित्सा कार्यों का प्रमाण है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) देश का सबसे बड़ा डॉक्टर्स का संगठन है, जो चिकित्सा पेशेवरों के हित, समाज में स्वास्थ्य जागरूकता और सरकारी नीतियों में चिकित्सकों की आवाज़ को मज़बूती से रखने का काम करता है। महाराष्ट्र IMA देश की सबसे सक्रिय इकाइयों में से एक है, जो स्वास्थ्य नीतियों, मेडिकल शिक्षा और डॉक्टरों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर अहम भूमिका निभाती है। ऐसे संगठन का नेतृत्व किसी महिला के हाथों में आना अपने आप में ऐतिहासिक उपलब्धि है।
डॉ. मंजुषा गिरि का जीवन संघर्ष और समर्पण की कहानी है। नागपुर की रहने वाली डॉ. गिरि ने मेडिकल शिक्षा पूरी करने के बाद समाज के वंचित वर्ग के लिए लगातार काम किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया। महिलाओं और बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर विशेष अभियान चलाए। कोरोना काल में उन्होंने फ्रंटलाइन वॉरियर के तौर पर न केवल मरीजों की सेवा की, बल्कि डॉक्टर्स की सुरक्षा और अधिकारों के लिए भी आवाज़ उठाई। उनका मानना है कि डॉक्टर सिर्फ इलाज करने वाले नहीं, बल्कि समाज के मार्गदर्शक भी हैं।
इस चुनाव में कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी दावेदारी पेश की थी, लेकिन डॉ. गिरि की छवि एक समर्पित और ईमानदार चिकित्सक की रही। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान चिकित्सा पेशे में आने वाली चुनौतियों और समाधान पर अपनी स्पष्ट दृष्टि साझा की। खासकर महिला डॉक्टरों और युवा चिकित्सकों ने उन्हें खुलकर समर्थन दिया। उनकी जीत ने यह साबित कर दिया कि अगर कार्य ईमानदारी और प्रतिबद्धता से किया जाए तो समाज उसका सम्मान जरूर करता है।
डॉ. गिरि का अध्यक्ष बनना सिर्फ एक चुनावी जीत नहीं है, बल्कि यह पूरे चिकित्सा क्षेत्र में महिला नेतृत्व की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है। यह संदेश है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में शीर्ष पद तक पहुँच सकती हैं। उनकी जीत युवा डॉक्टरों और महिला चिकित्सकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी। स्वास्थ्य सेवाओं में संवेदनशीलता, करुणा और समाज के प्रति दायित्व का भाव और अधिक मजबूत होगा।
अध्यक्ष पद संभालने के बाद डॉ. मंजुषा गिरि ने अपने विज़न को स्पष्ट किया है। उन्होंने कहा कि उनका ध्यान निम्न मुद्दों पर रहेगा:
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ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत बनाना – ताकि हर व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ पहुँच सकें।
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डॉक्टर्स की सुरक्षा और अधिकार – हाल के वर्षों में डॉक्टरों पर हमलों की घटनाएँ बढ़ी हैं, इस पर सख्त कानून की माँग को लेकर वे अभियान चलाएँगी।
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महिला और बाल स्वास्थ्य पर फोकस – मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने की योजना है।
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युवा डॉक्टरों के लिए अवसर – मेडिकल शिक्षा और करियर गाइडेंस पर भी ध्यान दिया जाएगा।
डॉ. गिरि की इस ऐतिहासिक जीत पर नागपुर और पूरे महाराष्ट्र में खुशी की लहर है। उनके सहयोगी डॉक्टरों का कहना है कि उनकी जीत से संगठन को नई ऊर्जा मिलेगी। महिला चिकित्सकों ने इसे अपने लिए सम्मान और अवसरों का नया दरवाज़ा बताया। आम जनता का भी मानना है कि महिलाओं का नेतृत्व स्वास्थ्य सेवाओं को और संवेदनशील बनाएगा।
डॉ. मंजुषा गिरि का महाराष्ट्र IMA की पहली महिला अध्यक्ष बनना न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन की सफलता है, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी संदेश है। यह इस बात का प्रमाण है कि महिलाएँ नेतृत्व के हर क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना सकती हैं।
उनकी यह उपलब्धि आने वाले समय में न सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र, बल्कि समाज के हर हिस्से में महिलाओं की बढ़ती भूमिका और महत्व का संकेत देती है।