




इस साल आयोजित होने वाले वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व जावली थ्रो में दो एथलीट करेंगे। हालांकि, इस प्रतियोगिता में नीरज चोपड़ा हिस्सा नहीं लेंगे, जो इस समय अपने स्वास्थ्य और तैयारी पर ध्यान दे रहे हैं।
दोनों भारतीय एथलीट पाकिस्तान के स्टार खिलाड़ी अर्शद नदीम के खिलाफ मुकाबला करेंगे। इस मुकाबले को एशियाई जावली थ्रो प्रेमियों के बीच खास उत्सुकता के साथ देखा जा रहा है।
नीरज चोपड़ा, भारत के प्रमुख जावली थ्रो खिलाड़ी और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, इस प्रतियोगिता में भाग नहीं ले रहे हैं।
उनके कोच और टीम प्रबंधन ने बताया कि नीरज फिलहाल स्वास्थ्य और तकनीकी प्रशिक्षण पर फोकस कर रहे हैं। नीरज पिछले कुछ महीनों से चोट से उबर रहे हैं। उनकी तैयारी अगले ओलंपिक और एशियाई प्रतियोगिताओं के लिए विशेष रूप से जारी है। टीम प्रबंधन ने कहा कि नीरज की लंबी अवधि की सफलता के लिए यह निर्णय रणनीतिक है।
नीरज की अनुपस्थिति में भारत का प्रतिनिधित्व दो प्रमुख खिलाड़ियों द्वारा किया जाएगा।
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इनमें पहले खिलाड़ी हैं [पहले खिलाड़ी का नाम] – जो पिछले साल एशियाई खेलों में अच्छी प्रदर्शन कर चुके हैं।
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दूसरे खिलाड़ी हैं [दूसरे खिलाड़ी का नाम] – जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर लगातार बेहतर परिणाम दिखाए हैं।
दोनों खिलाड़ियों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है और वर्ल्ड चैंपियनशिप में अर्शद नदीम जैसे अनुभवी प्रतिद्वंदी का मुकाबला करने के लिए उत्साहित हैं।
पाकिस्तान के अर्शद नदीम पिछले वर्षों में जावली थ्रो में एशिया और वर्ल्ड लेवल पर अपनी छाप छोड़ चुके हैं। अर्शद ने 2022 और 2023 में एशियाई खेलों में पदक जीते। भारत और पाकिस्तान के बीच यह मुकाबला हमेशा से दर्शकों के लिए रोमांचक रहा है। दोनों देशों के खिलाड़ी इस प्रतिस्पर्धा में तकनीक, ताकत और मानसिक तैयारी के स्तर पर आमने-सामने होंगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों का अनुभव और तकनीकी कौशल निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
भारत ने पिछले दशक में जावली थ्रो में तेजी से प्रगति की है। नीरज चोपड़ा के ओलंपिक स्वर्ण और अंतरराष्ट्रीय सफलता के बाद युवा खिलाड़ियों में उत्साह बढ़ा। अब नए खिलाड़ी अपने दम पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। एथलेटिक्स महासंघ ने कहा कि नीरज की गैरमौजूदगी भी नई प्रतिभाओं को अवसर देने का मौका है।
दो भारतीय खिलाड़ियों ने अपने कोच और विशेषज्ञों के साथ रणनीति बनाई है। तकनीक सुधार, शारीरिक फिटनेस और मानसिक तैयारी पर विशेष ध्यान दिया गया है। प्रतियोगिता से पहले अभ्यास सत्रों में तकनीकी सुधार और दूरी बढ़ाने के अभ्यास पर जोर था। दोनों खिलाड़ियों ने कहा कि वे अर्शद नदीम के खिलाफ जीत के लिए पूरी मेहनत करेंगे।
यह मुकाबला केवल व्यक्तिगत जीत का नहीं, बल्कि भारत-पाकिस्तान जावली थ्रो प्रतिस्पर्धा का प्रतीक भी है। विजेता खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग और भविष्य के टूर्नामेंट्स में भारत का प्रतिनिधित्व तय करने में मदद करेगा। इस मुकाबले से युवा एथलीटों को भी प्रेरणा मिलेगी और भारतीय एथलेटिक्स की छवि मजबूत होगी।
एथलेटिक्स विशेषज्ञों का कहना है कि नीरज की गैरमौजूदगी नई प्रतिभाओं के लिए अवसर है। भारत के लिए यह एक स्ट्रेटेजिक निर्णय भी माना जा रहा है ताकि नए खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय अनुभव प्राप्त कर सकें। मुकाबला रोमांचक होगा क्योंकि अर्शद नदीम और भारतीय खिलाड़ियों के बीच प्रतिस्पर्धा शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर होगी।
नीरज चोपड़ा की गैरमौजूदगी के बावजूद, वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भारतीय झंडा दो युवा और प्रतिभाशाली एथलीटों द्वारा लहराया जाएगा।