




कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पंजाब में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने से रोक दिया गया। इस घटना ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि राज्य प्रशासन और केंद्र सरकार विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास कर रहे हैं।
🔹 घटना की शुरुआत
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने शनिवार को पंजाब के जालंधर और कपूरथला जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने की योजना बनाई थी। उनका उद्देश्य था कि वे प्रभावित परिवारों से मिलें और उनकी समस्याओं को समझें। लेकिन स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर उन्हें रोक दिया।
🔹 कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह साफ तौर पर राजनीतिक दबाव में लिया गया फैसला है। उनका कहना है कि अगर राहुल गांधी आम जनता से मिलकर उनकी तकलीफें सुनना चाहते हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए थी।
कांग्रेस ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया और कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की असली तस्वीर जनता तक पहुंचने से रोक रही है।
🔹 प्रशासन का पक्ष
वहीं, पंजाब प्रशासन का कहना है कि राहुल गांधी की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया। अधिकारियों ने कहा कि जिन क्षेत्रों में दौरा प्रस्तावित था, वहां अभी भी भारी जलभराव, जर्जर पुल और टूटे हुए रास्ते हैं। ऐसे में किसी भी प्रकार की दुर्घटना का खतरा बना हुआ है।
प्रशासन ने यह भी जोड़ा कि आम जनता और नेता दोनों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है।
🔹 स्थानीय लोगों की नाराजगी
स्थानीय लोग, जो राहुल गांधी से मिलने और अपनी समस्याएं साझा करने की उम्मीद कर रहे थे, उन्होंने इस रोक पर नाराजगी जताई। कई गांवों में लोग अभी भी बिजली कटौती, पेयजल संकट और राहत सामग्री की कमी जैसी परेशानियों से जूझ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि अगर नेता खुद आकर स्थिति का जायजा लेंगे तो उनकी समस्याएं तेज़ी से सामने आएंगी और शायद समाधान भी मिलेगा।
🔹 कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस ने इस घटना को बड़ा मुद्दा बनाने का फैसला किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बयान जारी कर कहा है कि राहुल गांधी की लोकप्रियता से डरकर विपक्ष उनकी आवाज दबा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस जल्द ही इस मुद्दे को लेकर संसद और सड़कों पर आंदोलन करेगी।
🔹 राजनीतिक माहौल
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब पंजाब में बाढ़ राहत कार्य को लेकर पहले से ही राजनीतिक खींचतान चल रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) की राज्य सरकार और कांग्रेस में लगातार बयानबाज़ी हो रही है।
राहुल गांधी को रोके जाने से यह विवाद और गहरा हो गया है।
🔹 राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना ने विपक्षी दलों को एकजुट कर दिया है। कई विपक्षी नेताओं ने राहुल गांधी को रोके जाने की आलोचना की और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बाढ़ पीड़ितों का इस्तेमाल कर रही है।
पंजाब में बाढ़ राहत कार्य पहले ही धीमे और विवादों में घिरे हुए हैं। ऐसे में राहुल गांधी को दौरा करने से रोकने की घटना ने इसे और अधिक राजनीतिक रंग दे दिया है।
अब देखना यह होगा कि कांग्रेस इस मुद्दे को कितनी दूर तक ले जाती है और क्या प्रशासन राहत कार्यों की रफ्तार तेज़ करने में सफल हो पाता है या नहीं।