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    गोवा में ओएसएच इंडिया 2025 एक्सपो का उद्घाटन: श्रमिक सुरक्षा को बनाया गया प्राथमिकता

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    गोवा में श्रमिक सुरक्षा और उद्योग मानकों को बढ़ावा देने के लिए ‘ओएसएच इंडिया 2025’ प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया और जोर देकर कहा कि कार्यस्थल पर श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य मानकों का पालन अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि उद्योग जगत और सभी हितधारकों की साझा जिम्मेदारी है।

    उद्घाटन समारोह

    प्रमोद सावंत ने उद्घाटन के दौरान कहा कि आधुनिक युग में श्रमिकों की सुरक्षा को नजरअंदाज करना न केवल मानवता के खिलाफ है, बल्कि उद्योग की स्थिरता और उत्पादन क्षमता के लिए भी खतरा है। उन्होंने उपस्थित लोगों को आश्वस्त किया कि गोवा सरकार OSH (Occupational Safety & Health) के दिशा-निर्देशों को लागू करने में उद्योगों का सहयोग सुनिश्चित करेगी।

    मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से यह उल्लेख किया कि नई तकनीकों और आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कार्यस्थल को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा:
    “हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत हमारे श्रमिक हैं। उनका जीवन और स्वास्थ्य सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है।”

    ओएसएच इंडिया 2025 का उद्देश्य

    ‘ओएसएच इंडिया 2025’ प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के उच्च मानकों को अपनाना है। इस प्रदर्शनी में कई तकनीकी उपकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रम और नई सुरक्षा तकनीकों को प्रदर्शित किया गया।

    मुख्य उद्देश्य हैं:

    1. सुरक्षा जागरूकता बढ़ाना – उद्योगों और कर्मचारियों को सुरक्षा उपायों के प्रति संवेदनशील बनाना।

    2. नवीनतम तकनीक का प्रदर्शन – कार्यस्थल सुरक्षा उपकरण, स्मार्ट हेलमेट, डिजिटल मॉनिटरिंग और अलर्ट सिस्टम का प्रदर्शन।

    3. प्रशिक्षण और कौशल विकास – कर्मचारियों और प्रबंधन के लिए सुरक्षा प्रशिक्षण।

    4. नियमों का पालन सुनिश्चित करना – Occupational Safety & Health मानकों के तहत उद्योगों में अनुपालन को बढ़ावा देना।

    श्रमिक सुरक्षा का महत्व

    प्रमोद सावंत ने अपने भाषण में कहा कि भारत में कई उद्योगों में अभी भी श्रमिक सुरक्षा पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जाता। निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग और रसायन उद्योगों में दुर्घटनाओं की संख्या चिंताजनक है। उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरणों की कमी से गंभीर हादसे होते हैं। कार्यस्थल पर स्वास्थ्य मानकों का पालन न होने से कर्मचारियों की उत्पादकता और मनोबल प्रभावित होता है।

    तकनीकी नवाचार और सुरक्षा

    इस प्रदर्शनी में कई उद्योगों ने आधुनिक उपकरण और तकनीक प्रदर्शित की।

    • स्मार्ट हेलमेट जो कर्मचारियों के स्वास्थ्य और वातावरण की निगरानी करता है।

    • डिजिटल सेंसर जो तापमान, धूल और जहरीली गैसों की स्थिति को तुरंत रिपोर्ट करता है।

    • स्वचालित अलर्ट सिस्टम जो किसी दुर्घटना के समय तुरंत सूचित करता है।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी तकनीकों को अपनाना न केवल दुर्घटनाओं को कम करेगा बल्कि कर्मचारियों का विश्वास भी बढ़ाएगा।

    सरकार और उद्योग की साझेदारी

    सुरक्षा और स्वास्थ्य के मानकों को लागू करने में सरकार और उद्योग के बीच सहयोग महत्वपूर्ण है। गोवा सरकार ने उद्योगपतियों से अपील की कि वे OSH नियमों को अपनाएँ। प्रशिक्षकों और विशेषज्ञों को कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण देना चाहिए। इस पहल के माध्यम से उद्योगों में कार्यस्थल सुरक्षा संस्कृति को मजबूत किया जा सकता है।

    विशेषज्ञों की राय

    सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की प्रदर्शनी भारत के उद्योगों में सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए अहम है। नई तकनीक और प्रशिक्षण कार्यक्रम कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। लंबे समय में यह उद्योगों की लागत और उत्पादन क्षमता में सुधार लाएगा। OSH मानकों के पालन से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उद्योग छवि भी बेहतर होगी।

    गोवा की स्थिति

    गोवा राज्य में माइनिंग, निर्माण और पर्यटन जैसे उद्योग व्यापक रूप से विकसित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कार्यस्थल सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा के लिए विशेष पहल कर रही है। श्रमिकों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है।

    ‘ओएसएच इंडिया 2025’ प्रदर्शनी गोवा में कार्यस्थल सुरक्षा और श्रमिक स्वास्थ्य के महत्व को उजागर करती है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत का यह संदेश स्पष्ट करता है कि भारत के उद्योग अब केवल उत्पादन और मुनाफ़े पर ही नहीं, बल्कि कर्मचारियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य पर भी ध्यान देंगे।

    यह पहल सरकार और उद्योग जगत के बीच सहयोग को बढ़ाएगी और आधुनिक तकनीक के माध्यम से श्रमिक सुरक्षा में सुधार लाएगी। आने वाले वर्षों में यह प्रदर्शनी और प्रशिक्षण कार्यक्रम भारत में सुरक्षित कार्यस्थलों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

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