




आज की तेजी से बढ़ती महंगाई और शहरी जीवन की उच्च लागत के बीच, भारत के बड़े शहरों में ₹5 करोड़ का कोर्पस भी जीवन भर चलाना मुश्किल होता जा रहा है। विशेष रूप से मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में रहने वाले लोगों के लिए यह राशि केवल सीमित समय के लिए ही पर्याप्त है। वहीं, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों में यही राशि आपके लिए लंबा और आरामदायक जीवन सुनिश्चित कर सकती है।
मुंबई और दिल्ली में जीवन की महंगाई
मुंबई और दिल्ली में रहने की लागत लगातार बढ़ रही है। कुछ प्रमुख बिंदु:
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आवास: मुंबई में 2BHK अपार्टमेंट का मासिक किराया ₹70,000–₹1,50,000 तक हो सकता है। दिल्ली में यह ₹50,000–₹1,20,000 के बीच है।
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भोजन और दैनिक खर्च: प्रति व्यक्ति भोजन, किराना और दैनिक खर्च लगभग ₹40,000–₹60,000 प्रति माह तक पहुंच सकता है।
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परिवहन: निजी वाहन और ईंधन, या टैक्सी सेवा का खर्च भी काफी बढ़ गया है।
इन खर्चों को जोड़ें तो ₹5 करोड़ का कोर्पस केवल 20–25 वर्षों के लिए पर्याप्त हो सकता है, और इस दौरान महंगाई और अप्रत्याशित खर्चों को ध्यान में रखा जाए तो यह अवधि और घट सकती है।
विदेशों में खर्च और जीवनशैली
वहीं, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों में जीवन यापन की लागत भारत के प्रमुख शहरों की तुलना में काफी कम है।
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आवास: वियतनाम और थाईलैंड में शहरों में 2BHK अपार्टमेंट का मासिक किराया ₹20,000–₹40,000 के बीच उपलब्ध है।
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भोजन और दैनिक खर्च: स्थानीय भोजन और किराने का खर्च प्रति व्यक्ति लगभग ₹15,000–₹25,000 प्रतिमाह है।
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परिवहन: सार्वजनिक परिवहन सस्ता है और टैक्सी या स्कूटर किराए पर लेना आसान और किफायती है।
इस तुलना से स्पष्ट होता है कि ₹5 करोड़ का कोर्पस विदेश में कई वर्षों तक आरामदायक जीवन सुनिश्चित कर सकता है, जबकि भारत के प्रमुख शहरों में यह राशि सीमित समय के लिए पर्याप्त है।
जीवनशैली का प्रभाव
जीवनशैली भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत में हाई-एंड जीवनशैली अपनाने वाले लोग जल्दी ही अपने कोर्पस को समाप्त कर सकते हैं। वहीं, वियतनाम और थाईलैंड में तुलनात्मक रूप से मध्यम या आरामदायक जीवनशैली अपनाने से राशि लंबे समय तक टिक सकती है।
एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का विश्लेषण
एक वरिष्ठ सीए ने हाल ही में बताया कि यह तुलना केवल खर्चों के आधार पर नहीं होनी चाहिए। इसमें महंगाई, स्वास्थ्य सेवा, बीमा, और आकस्मिक खर्चों को भी शामिल करना आवश्यक है। उनके अनुसार मुंबई/दिल्ली में ₹5 करोड़ के कोर्पस का जीवनकाल लगभग 20–25 साल का होता है। वियतनाम/थाईलैंड में वही राशि 40–45 साल तक आरामदायक जीवन प्रदान कर सकती है।
सीए ने यह भी सलाह दी कि निवेशकों को अपनी आय, व्यय और भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही विदेश निवेश या स्थायी रूप से देश छोड़ने का निर्णय लेना चाहिए।
विदेशी निवेश और रिटायरमेंट प्लान
विदेश में रहने के इच्छुक भारतीय नागरिकों के लिए यह आंकड़े महत्वपूर्ण हैं। कई लोग अपनी पेंशन और निवेश की राशि का आकलन करने के बाद ही विदेश में रिटायरमेंट की योजना बनाते हैं। स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा योजना की तुलना विदेश और भारत में करनी चाहिए। विदेशी मुद्रा और कराधान नियमों को ध्यान में रखकर ही राशि का उपयोग करना चाहिए।
मुंबई और दिल्ली जैसी महंगी मेट्रो शहरों में ₹5 करोड़ का कोर्पस जीवन भर चलाना मुश्किल हो सकता है। वहीं, वियतनाम और थाईलैंड में यह राशि आरामदायक जीवन के लिए पर्याप्त है। जीवनशैली, महंगाई, और निवेश रणनीति इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।