




भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हाल ही में आयोजित ‘MSME for Bharat Manthan’ कार्यक्रम में छोटे उद्योगों को नई दिशा देने, सप्लाई चेन को मजबूत करने और रोजगार सृजन पर गहन चर्चा हुई। इस मंच पर प्रमुख उद्योगपतियों, सरकारी प्रतिनिधियों और MSME से जुड़े विशेषज्ञों ने अपनी राय साझा की।
भारत की कुल GDP में MSME सेक्टर का योगदान लगभग 30% है और देश के कुल निर्यात में इनका हिस्सा करीब 48% तक पहुँच चुका है।
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MSME देश में 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध कराते हैं।
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ये न सिर्फ ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में आर्थिक विकास की धुरी बने हुए हैं, बल्कि बड़े उद्योगों को सप्लाई चेन में सहयोग भी करते हैं।
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ऐसे में MSME सेक्टर को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विज़न के लिए बेहद अहम है।
इस कार्यक्रम में राजेश नागर, उद्योगपतियों और कई सरकारी प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि MSME सेक्टर को नई ऊर्जा देने के लिए 3 अहम बातों पर काम करना होगा:
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सप्लाई चेन को डिजिटल और पारदर्शी बनाना।
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फाइनेंस और क्रेडिट तक आसान पहुंच सुनिश्चित करना।
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टेक्नोलॉजी और स्किल डेवलपमेंट में निवेश बढ़ाना।
राजेश नागर ने इस मंच पर कहा –
“MSME केवल छोटे उद्योग नहीं हैं, बल्कि ये भारत की अर्थव्यवस्था के असली निर्माता हैं। हमें इन्हें केवल सपोर्ट ही नहीं, बल्कि सशक्त करना होगा।”
हालांकि MSME सेक्टर में संभावनाएँ अपार हैं, लेकिन कई चुनौतियाँ भी सामने हैं:
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फंडिंग और वर्किंग कैपिटल की कमी
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गुणवत्ता प्रमाणन और निर्यात मानकों की दिक्कतें
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डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की धीमी गति
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बड़े उद्योगों से प्रतिस्पर्धा
इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने MSME क्रेडिट गारंटी स्कीम, ई-मार्केटप्लेस पोर्टल, और PM Vishwakarma Yojana जैसी योजनाओं को बढ़ावा दिया है।
विशेषज्ञों ने कार्यक्रम में यह भी बताया कि भारत का MSME सेक्टर केवल घरेलू बाज़ार तक सीमित नहीं रह गया है।
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आज भारतीय MSME यूनिट्स टेक्सटाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, इंजीनियरिंग गुड्स और IT सर्विसेज जैसी चीज़ों का वैश्विक स्तर पर निर्यात कर रही हैं।
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आने वाले समय में अगर डिजिटल अपग्रेडेशन और ग्रीन टेक्नोलॉजी पर ध्यान दिया गया, तो MSME सेक्टर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सबसे बड़ा योगदान देगा।
MSME for Bharat मंच पर यह स्पष्ट हुआ कि सरकार और निजी क्षेत्र दोनों इस सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तैयार हैं।
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सरकार लगातार वन नेशन, वन मार्केट की दिशा में काम कर रही है।
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उद्योग जगत ने वादा किया कि MSME को तकनीक और स्किल ट्रेनिंग में पूरा सहयोग दिया जाएगा।
MSME for Bharat Manthan कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया है कि अगर MSME सेक्टर को सही दिशा, फंडिंग और टेक्नोलॉजी सपोर्ट मिल जाए, तो यह भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। छोटे उद्योगों का यह बड़ा मंच आने वाले वर्षों में न सिर्फ रोजगार सृजन करेगा, बल्कि भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई चेन का हब बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।