




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के धार जिले में आयोजित एक जनसभा के दौरान भारत की आतंकवाद नीति को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि “नया भारत अब आतंकवाद के आगे झुकेगा नहीं, बल्कि आतंकवादियों के अड्डों में घुसकर कार्रवाई करेगा।” साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी तरह के परमाणु खतरे से डरने वाला नहीं है।
पीएम मोदी का सख्त रुख
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत आतंकवाद को लेकर केवल रक्षात्मक रुख अपनाता था। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।
उन्होंने कहा:
“आज का भारत आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम आतंकवादियों को उनके घरों में जाकर मारेंगे और किसी भी धमकी से डरेंगे नहीं।”
पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष निशाना
हालांकि मोदी ने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान से साफ था कि यह संदेश पड़ोसी देश की ओर था। उन्होंने कहा कि भारत की सीमाओं पर बैठे शत्रु और उनके आतंकी संगठन अब भारत की सहनशीलता की परीक्षा न लें।
सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का जिक्र
पीएम मोदी ने अपने भाषण में भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयर स्ट्राइक का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इन कार्रवाइयों ने दुनिया को दिखा दिया कि भारत केवल बोलता नहीं, बल्कि ठोस कार्रवाई करता है। आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब उनकी चालें सफल नहीं होंगी।
परमाणु खतरे पर मोदी का बयान
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत किसी भी प्रकार के परमाणु खतरे से डरने वाला नहीं है।
“हमारा भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन अगर किसी ने हमारी ओर गलत इरादे से देखा तो हम चुप नहीं बैठेंगे।”
यह बयान स्पष्ट करता है कि भारत अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव या धमकी से प्रभावित नहीं होगा।
जनता की प्रतिक्रिया
धार की जनसभा में मौजूद जनता ने पीएम मोदी के इस सख्त रुख का जोरदार स्वागत किया। “भारत माता की जय” और “मोदी-मोदी” के नारों से सभा गूंज उठी। स्थानीय लोगों ने कहा कि मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा और सैनिकों का मनोबल मजबूत किया है।
विपक्ष की आलोचना
विपक्षी दलों ने पीएम मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह केवल चुनावी बयानबाजी है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि आतंकवाद पर मोदी सरकार की नीतियाँ ज़मीनी स्तर पर उतनी प्रभावी नहीं रहीं। उनका कहना है कि सीमा पर घुसपैठ और आतंकी घटनाएँ अभी भी हो रही हैं, जिन पर रोक लगाना ज़रूरी है।
सुरक्षा विशेषज्ञों की राय
सुरक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि पीएम मोदी का यह बयान एक स्ट्रैटेजिक संदेश है। यह संदेश न केवल आतंकी संगठनों को बल्कि उन्हें समर्थन देने वाले देशों को भी दिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की “नई नीति” अब केवल रक्षा नहीं बल्कि आक्रामक सुरक्षा रणनीति पर आधारित है।
भारत की बदलती विदेश नीति
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति भी काफी बदली है। आतंकवाद के मुद्दे पर भारत ने वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को बार-बार बेनकाब किया। संयुक्त राष्ट्र और G20 जैसे मंचों पर भारत ने आतंकवाद विरोधी सहयोग को प्राथमिकता दी। अमेरिका, रूस, फ्रांस और कई देशों ने भारत के कदमों का समर्थन किया है।
जनता और सेना का विश्वास
मोदी के इस बयान से यह संदेश भी गया कि सरकार सेना और सुरक्षा एजेंसियों को पूरी स्वतंत्रता देने के पक्ष में है। हाल के वर्षों में भारतीय सेना को आधुनिक हथियार और तकनीक से लैस किया गया है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का धार से दिया गया संदेश स्पष्ट करता है कि “नया भारत आतंकवाद और किसी भी तरह के खतरे के सामने झुकने वाला नहीं है।” यह बयान न केवल घरेलू राजनीति बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत की मजबूत और आत्मनिर्भर छवि को पेश करता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत इस नीति को किस तरह ठोस कार्यवाही में बदलता है।