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    “जब मैं हाफिज सईद से मिला तो मनमोहन सिंह ने मुझे धन्यवाद दिया” – यासीन मलिक का दावा

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    जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के मुखिया और वर्तमान में जेल में बंद यासीन मलिक ने एक बड़ा और विवादित बयान दिया है। मलिक ने दावा किया है कि जब उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद से मुलाकात की थी, तब उस समय के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें धन्यवाद कहा था। इस बयान ने भारतीय राजनीति और सुरक्षा हलकों में हड़कंप मचा दिया है।

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यासीन मलिक ने जेल से जारी एक संदेश में कहा:

    “मैंने कश्मीर समस्या के समाधान की दिशा में कई प्रयास किए। मैंने हाफिज सईद से भी मुलाकात की थी और जब इसकी जानकारी तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को दी, तो उन्होंने मुझे इसके लिए धन्यवाद दिया।”

    यासीन मलिक ने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा “संवाद के रास्ते” से कश्मीर विवाद को हल करने की कोशिश की, लेकिन भारत सरकार ने उनके प्रयासों को गंभीरता से नहीं लिया।

    हाफिज सईद, लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक और 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है।

    • अमेरिका और भारत ने उसे वैश्विक आतंकी घोषित किया है।

    • वह लंबे समय से पाकिस्तान में संरक्षण में रह रहा है।

    • भारत बार-बार पाकिस्तान से उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करता रहा है।

    ऐसे में यासीन मलिक का यह बयान और भी विवादास्पद हो जाता है।

    यासीन मलिक के इस दावे ने कांग्रेस पार्टी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। विपक्षी दल भाजपा ने इस बयान को तुरंत लपकते हुए कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह पर निशाना साधा।

    • भाजपा नेताओं का कहना है कि अगर यासीन मलिक का दावा सच है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है।

    • वहीं कांग्रेस ने इस बयान को निराधार और झूठा बताते हुए खारिज कर दिया है।

    भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा:

    • “यह साफ है कि कांग्रेस आतंकियों और अलगाववादियों से डील करने में हमेशा कमजोर रही है। यासीन मलिक का बयान इस बात की पुष्टि करता है।”

    • भाजपा ने कांग्रेस से इस मुद्दे पर सफाई मांगी है और संसद में इसे उठाने की बात कही है।

    भारत की सुरक्षा एजेंसियां भी यासीन मलिक के इस दावे की जांच कर रही हैं। हालांकि, शुरुआती स्तर पर इसे राजनीतिक बयानबाज़ी माना जा रहा है, लेकिन इसने निश्चित रूप से कई सवाल खड़े कर दिए हैं:

    1. क्या वास्तव में यासीन मलिक और हाफिज सईद की मुलाकात पर भारत सरकार को जानकारी दी गई थी?

    2. क्या तत्कालीन प्रधानमंत्री ने सच में इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी?

    3. या यह सब मलिक की तरफ से जेल में बैठे-बैठे एक राजनीतिक बयान है?

    • वर्तमान में यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है।

    • उस पर आतंकवाद, मनी लॉन्ड्रिंग और देशद्रोह के कई गंभीर आरोप हैं।

    • हाल ही में पाकिस्तान की अदालतों में भी उसका नाम चर्चित हुआ था जब “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद भारत की कार्रवाईयों पर बहस हुई।

    यासीन मलिक का यह बयान एक बार फिर कश्मीर, आतंकवाद और भारतीय राजनीति के बीच के संवेदनशील रिश्तों को चर्चा में ले आया है। जहां भाजपा इसे कांग्रेस के खिलाफ हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे झूठी कहानी बता रही है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और क्या खुलासे होते हैं और क्या कोई ठोस सबूत सामने आता है या नहीं।

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