




राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का परिवार एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला तेजप्रताप यादव और उनकी बहन रोहिणी आचार्य के बीच टकराव से जुड़ा है। सोशल मीडिया पर दोनों के बीच चल रही बयानबाज़ी और संजय यादव का नाम आने से राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
सूत्रों के अनुसार, रोहिणी आचार्य ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे बयान दिए जिन्हें तेजप्रताप यादव ने अपनी ओर इशारा मान लिया। इसके बाद तेजप्रताप ने भी सार्वजनिक तौर पर जवाब देना शुरू कर दिया।
तेजप्रताप ने कहा – “मैं परिवार और पार्टी दोनों के लिए हमेशा ईमानदार रहा हूँ। लेकिन कुछ लोग हमें बदनाम करने की साज़िश कर रहे हैं।”
रोहिणी आचार्य, जो अमेरिका में रहती हैं और समय-समय पर बिहार की राजनीति पर बयान देती रहती हैं, ने भी भाई तेजप्रताप पर परोक्ष तौर पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा –
“जो लोग परिवार और पार्टी को नुकसान पहुँचा रहे हैं, उन्हें जनता सबक सिखाएगी।”
हालांकि उन्होंने किसी का नाम सीधे तौर पर नहीं लिया, लेकिन संकेत साफ़ था कि उनका इशारा तेजप्रताप की ओर है।
इस विवाद में संजय यादव, जो तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं, का नाम भी सामने आया है।
तेजप्रताप का आरोप है कि संजय यादव लगातार उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं और भाई-बहनों के बीच दूरियाँ बढ़ा रहे हैं।
तेजप्रताप ने एक बयान में कहा –
“मैं अपने भाई तेजस्वी का हमेशा समर्थन करूंगा, लेकिन कुछ लोग दरबार में ऐसी राजनीति कर रहे हैं जिससे परिवार टूट रहा है।”
लालू परिवार की अंदरूनी कलह अब खुलकर सामने आने लगी है।
एक तरफ पार्टी को बिहार विधानसभा और लोकसभा चुनावों की रणनीति बनानी है, वहीं दूसरी ओर पारिवारिक विवाद पार्टी की छवि को नुकसान पहुँचा सकता है।
RJD समर्थकों का कहना है कि तेजस्वी यादव को एकजुटता दिखानी चाहिए और विवाद को शांत करना चाहिए।
बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने इस विवाद पर तंज कसा है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा –
“लालू परिवार खुद बंटा हुआ है। ऐसे में यह पार्टी बिहार को क्या नेतृत्व देगी?”
वहीं जेडीयू का कहना है कि RJD की राजनीति केवल परिवारवाद तक सीमित रह गई है।
सोशल मीडिया पर #LaluFamilyDispute और #TejPratapYadav ट्रेंड करने लगे।
समर्थकों में भी बँटवारा दिखाई दिया। कुछ लोग तेजप्रताप का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ रोहिणी आचार्य के पक्ष में खड़े हैं।
लालू परिवार में यह विवाद केवल व्यक्तिगत मतभेद नहीं बल्कि राजनीतिक समीकरणों पर भी असर डाल सकता है।
तेजप्रताप यादव और रोहिणी आचार्य की नाराज़गी, और संजय यादव की भूमिका को लेकर उठ रहे सवाल, RJD के लिए आने वाले समय में बड़ी चुनौती बन सकते हैं।
अब सबकी नज़रें इस बात पर हैं कि तेजस्वी यादव इस विवाद को कैसे सुलझाते हैं और पार्टी को एकजुट रखने में कितने सफल होते हैं।