




असम और पूरे उत्तर-पूर्व भारत में शोक की लहर है। प्रसिद्ध गायक और अभिनेता जुबिन गर्ग का अचानक निधन संगीत जगत और उनके चाहने वालों के लिए गहरी क्षति लेकर आया है। उनकी मृत्यु के बाद असम सरकार ने पूरे राज्य में तीन दिन का राज्य शोक घोषित किया है। यह शोक अवधि 20 से 22 सितंबर 2025 तक रहेगी।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने घोषणा की कि वह स्वयं दिल्ली जाएंगे और वहाँ से जुबिन गर्ग के पार्थिव शरीर को प्राप्त करेंगे। इसके बाद विशेष विमान से शव को गुवाहाटी लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम सरकार इस पूरी प्रक्रिया में दिवंगत गायक के परिवार की भावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी।
कहिलीपारा निवास पर निजी क्षण
असम सरकार ने स्पष्ट किया है कि गुवाहाटी पहुँचने के बाद जुबिन गर्ग का शव सबसे पहले कहिलीपारा स्थित उनके निवास पर ले जाया जाएगा। यहाँ परिवार के सदस्य अपने प्रिय को अंतिम बार निहारने और उनके साथ कुछ निजी क्षण बिताने का अवसर पाएंगे। इस दौरान किसी भी आमजन को अनुमति नहीं दी जाएगी। सरकार ने जनता से धैर्य और संयम बनाए रखने की अपील की है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि जुबिन गर्ग सिर्फ एक गायक नहीं थे बल्कि असम की सांस्कृतिक पहचान थे। ऐसे में उनका अंतिम संस्कार और सार्वजनिक श्रद्धांजलि समारोह परिवार की सहमति और राज्य के सांस्कृतिक संगठनों की राय से ही तय किया जाएगा।
सार्वजनिक श्रद्धांजलि की तैयारी
परिवार के निजी क्षणों के बाद जुबिन गर्ग का शव गुवाहाटी स्थित सारुसजाई स्टेडियम में ले जाया जाएगा। यहाँ असंख्य प्रशंसक, कलाकार और आम नागरिक उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दे पाएंगे। असम सरकार इस मौके पर सुरक्षा और व्यवस्था की विशेष तैयारियाँ कर रही है ताकि श्रद्धांजलि देने आने वालों को किसी तरह की असुविधा न हो।
असम साहित्य सभा, विभिन्न सांस्कृतिक मंचों और संगीत संगठनों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे जुबिन गर्ग को सामूहिक श्रद्धांजलि देंगे। संगीत कार्यक्रमों और सभाओं के माध्यम से उन्हें याद किया जाएगा।
राज्य शोक के दौरान नियम
असम के मुख्य सचिव रवि कोटा ने एक अधिसूचना जारी कर यह स्पष्ट किया है कि राज्य शोक की अवधि में किसी भी प्रकार के सरकारी उत्सव, सांस्कृतिक आयोजन या मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं होंगे। सभी सरकारी भवनों पर झंडे आधे झुके रहेंगे। हालांकि, सार्वजनिक सेवा से जुड़े कार्य जैसे स्वास्थ्य शिविर, वृक्षारोपण अभियान और सामाजिक सेवा गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
गहरी संवेदना और श्रद्धांजलि
जुबिन गर्ग की असामयिक मृत्यु ने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है। गुवाहाटी समेत असम के कई शहरों में लोगों ने स्वेच्छा से बाजार बंद रखे और शोक व्यक्त किया। सोशल मीडिया पर प्रशंसक उनके गीतों को साझा कर उन्हें याद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने जुबिन गर्ग के निधन पर शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि “जुबिन गर्ग ने संगीत की दुनिया में जो योगदान दिया है, वह हमेशा याद रखा जाएगा। उनके गीत पीढ़ियों तक गाए और सुने जाते रहेंगे।”
जुबिन गर्ग का सांस्कृतिक योगदान
जुबिन गर्ग को असम का “रॉकस्टार” कहा जाता था। वे सिर्फ गायक ही नहीं बल्कि अभिनेता, संगीतकार और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। हिंदी फिल्म ‘गैंगस्टर’ का प्रसिद्ध गीत ‘या अली’ ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई थी। इसके अलावा उन्होंने असमिया, बंगाली और कई अन्य भाषाओं में भी गाया।
उन्होंने असम की लोकसंस्कृति और आधुनिक संगीत को एक मंच पर लाने का कार्य किया। उनके गीतों में प्रेम, दर्द और सामाजिक चेतना की झलक देखने को मिलती थी। यही कारण है कि वे असम की युवा पीढ़ी के सबसे प्रिय कलाकार बन गए।
असम सरकार की जांच पहल
जुबिन गर्ग की मृत्यु की परिस्थितियों पर भी सवाल उठ रहे हैं। असम सरकार ने घोषणा की है कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी। सिंगापुर में हुए हादसे से जुड़े तथ्यों को जानने के लिए केंद्र और विदेश मंत्रालय के सहयोग से विस्तृत जानकारी जुटाई जा रही है। असम पुलिस ने भी संबंधित व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
जुबिन गर्ग के निधन को संगीत जगत और असम के लिए अपूरणीय क्षति बताया जा रहा है। उनकी आवाज़ और व्यक्तित्व ने न केवल असम को गौरवान्वित किया बल्कि पूरे भारत में असम की संस्कृति को पहचान दिलाई।
असम सरकार ने तीन दिन का राज्य शोक घोषित कर इस बात को स्पष्ट किया है कि जुबिन गर्ग का स्थान राज्य के सांस्कृतिक इतिहास में हमेशा जीवित रहेगा। आने वाले दिनों में, जब उनके अंतिम संस्कार की विधियाँ पूरी होंगी, असम के लोग अपने इस प्रिय कलाकार को विदाई देंगे।