




महाराष्ट्र सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहन योजना’। हाल ही में सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। अब हर लाभार्थी को ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य कर दिया गया है।
राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि योजना के तहत मिलने वाले लाभ पाने के लिए हर साल जून महीने में ई-केवाईसी अपडेट करना जरूरी होगा। साथ ही मंत्रालय ने यह भी चेतावनी दी है कि इस प्रक्रिया में कई फर्जी वेबसाइट और एजेंट सक्रिय हो गए हैं, जिनसे सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
ई-केवाईसी क्यों हुआ अनिवार्य?
सरकार का कहना है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया अनिवार्य करने का उद्देश्य लाभार्थियों का सही रिकॉर्ड बनाए रखना और योजनाओं में पारदर्शिता लाना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र महिलाओं तक पहुंचे।
ई-केवाईसी के जरिए सरकार सीधे लाभार्थियों की पहचान आधार से जोड़ पाएगी। इस प्रक्रिया से फर्जीवाड़ा और डुप्लीकेट एंट्रीज पर रोक लगेगी।
लाभार्थियों को मिला दो महीने का समय
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने जानकारी दी है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए लाभार्थियों को लगभग दो महीने का समय दिया गया है। जो महिलाएं तय समय सीमा में यह प्रक्रिया पूरी नहीं करेंगी, उन्हें योजना का लाभ मिलना मुश्किल हो जाएगा।
योजना से जुड़ी महिलाएं अपने नजदीकी सुविधा केंद्र, अधिकृत सेवा प्रदाता या ऑनलाइन पोर्टल के जरिए यह प्रक्रिया पूरी कर सकती हैं।
हर साल जून में करनी होगी प्रक्रिया
मंत्रालय ने यह भी तय किया है कि लाभार्थियों को हर साल जून महीने में ई-केवाईसी प्रक्रिया को अपडेट करना होगा। यानी यह सिर्फ एक बार का काम नहीं होगा, बल्कि हर साल समय पर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
इस व्यवस्था से सरकार के पास लाभार्थियों का अद्यतन डाटा रहेगा और योजनाओं की मॉनिटरिंग भी आसान होगी।
फर्जी वेबसाइटों से रहें सावधान
सरकार ने साफ चेतावनी दी है कि ई-केवाईसी प्रक्रिया के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट और ठग सक्रिय हो गए हैं। ये लोग लाभार्थियों से व्यक्तिगत जानकारी और पैसे वसूलने की कोशिश कर रहे हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि लाभार्थी केवल सरकार द्वारा अधिकृत वेबसाइट या सेवा केंद्रों पर ही प्रक्रिया पूरी करें। किसी भी लिंक या वेबसाइट पर अपनी आधार संख्या, बैंक डिटेल्स या ओटीपी शेयर न करें।
योजना का उद्देश्य और महत्व
‘माझी लड़की बहन योजना’ महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है। इसका उद्देश्य महिलाओं, खासकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की महिलाओं को आर्थिक सहायता और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है।
इस योजना के तहत महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता मिलती है, ताकि वे अपनी आजीविका और परिवार की जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से संभाल सकें।
सरकार की अपील
मंत्रालय ने लाभार्थियों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें। इसके साथ ही किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचने के लिए केवल अधिकृत स्रोतों पर भरोसा करें।
सरकार ने बताया कि योजना की आधिकारिक वेबसाइट और संबंधित विभागों के नोटिस बोर्ड पर ही सही जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।
लाभार्थियों की राय
योजना की कई लाभार्थी महिलाओं ने कहा कि ई-केवाईसी से प्रक्रिया थोड़ी जटिल जरूर हो जाएगी, लेकिन अगर इससे फर्जीवाड़ा बंद होता है तो यह स्वागत योग्य कदम है। कुछ महिलाओं ने यह भी चिंता जताई कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और डिजिटल साक्षरता की कमी से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष कैंप आयोजित कर लाभार्थियों की मदद की जाएगी।
डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता की दिशा में कदम
ई-केवाईसी को अनिवार्य करना महाराष्ट्र सरकार का एक और कदम है डिजिटल इंडिया मिशन की ओर। इससे सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से योजनाओं का लाभ वास्तव में जरूरतमंद महिलाओं तक पहुंचेगा और सरकारी खजाने की बचत भी होगी।
महाराष्ट्र सरकार द्वारा ‘माझी लड़की बहन योजना’ के लिए ई-केवाईसी को अनिवार्य करने का फैसला महिलाओं के लिए लंबे समय में फायदेमंद साबित होगा। हालांकि शुरुआत में कुछ कठिनाइयां जरूर आएंगी, लेकिन यह कदम पारदर्शिता, सुरक्षा और सही लाभार्थियों तक योजना का फायदा पहुंचाने के लिए जरूरी है।