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    बीमा पर GST शून्य: ₹30,000 मासिक प्रीमियम पर कितनी बचत?

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    सरकार ने हाल ही में बीमा प्रीमियम पर GST (Goods and Services Tax) को शून्य करने का ऐलान किया है। इसका सीधा मतलब यह है कि अब जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसियों पर पहले लगने वाला 18% GST समाप्त हो गया है।

    यह कदम न केवल पॉलिसीधारकों के लिए राहत देने वाला है, बल्कि बीमा उद्योग में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

    अगर कोई ग्राहक अब ₹30,000 प्रति माह का प्रीमियम भुगतान करता है, तो GST हटने के बाद उसकी सालाना बचत का अनुमान इस प्रकार है:

    • पहले, 18% GST के कारण मासिक प्रीमियम पर ₹5,400 टैक्स लगता था (₹30,000 × 18% = ₹5,400)।

    • सालाना हिसाब से यह ₹5,400 × 12 = ₹64,800 बनता था।

    अब GST शून्य होने के बाद, ग्राहक सालाना ₹64,800 की बचत कर सकते हैं।

    1. मासिक बजट पर असर:

      • प्रीमियम की रकम अब सीधे पॉलिसी में जाएगी।

      • मासिक खर्च कम हो गया, जिससे लोग लंबी अवधि की पॉलिसियों के लिए आसानी से निवेश कर सकते हैं।

    2. बीमा कंपनियों पर प्रभाव:

      • कंपनियों को GST के हिस्से के लिए रिटर्न फाइलिंग से राहत मिली।

      • बीमा कंपनियों के पास नए प्रोडक्ट्स लॉन्च करने और पॉलिसीधारकों को बेहतर बेनेफिट देने की संभावना बढ़ गई।

    3. निवेश और सुरक्षा:

      • बीमा पॉलिसियों में निवेश अब अधिक आकर्षक हुआ।

      • जीवन और स्वास्थ्य सुरक्षा का कवरेज पहले से ज्यादा लोगों के लिए सुलभ हुआ।

    • जीवन बीमा (Life Insurance): टर्म प्लान, एंडोमेंट, ULIP

    • स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance): हॉस्पिटलाइजेशन, मेडिक्लेम

    • दूसरे पॉलिसी प्रकार: यात्रा बीमा और अन्य कैटगरी

    GST हटने से इन सभी पॉलिसियों का प्रीमियम अब सिर्फ मूल राशि पर आधारित होगा।

    बीमा विशेषज्ञों का मानना है कि GST हटना ग्राहकों के लिए बड़ा फायदा है।

    • लंबे समय से पॉलिसीधारक GST के कारण अधिक भुगतान करते थे।

    • अब यह राशि सीधे निवेश और सुरक्षा में जाएगी।

    • विशेषज्ञों का कहना है कि लोग अब महंगे प्रीमियम वाले प्लान्स लेने में अधिक सहज महसूस करेंगे।

    1. बजट में राहत: मासिक और वार्षिक खर्च कम हुआ।

    2. लंबी अवधि की योजनाएँ: लोग अब अधिक समय तक पॉलिसी ले सकते हैं।

    3. अच्छे प्रोडक्ट्स में निवेश: प्रीमियम बचत के कारण बेहतर प्लान्स का चुनाव संभव।

    एक पॉलिसीधारक ने कहा—
    “GST हटने के बाद मैं अपने स्वास्थ्य और जीवन बीमा में पहले से ज्यादा निवेश कर सकता हूं। यह कदम वाकई राहत देने वाला है।”

    बीमा कंपनियों ने कहा कि GST हटने से नई योजनाओं का डिज़ाइन और मार्केटिंग आसान होगा।

    • कंपनियों को अब टैक्स जमा और रिटर्न फाइलिंग की झंझट कम हुई।

    • पॉलिसीधारक सीधे लाभान्वित होंगे।

    विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम बीमा उद्योग को भी लंबी अवधि में विकास और विस्तार की दिशा में मदद करेगा।

    हालांकि GST शून्य होने से बचत हुई है, पॉलिसीधारकों को ध्यान रखना चाहिए:

    • पॉलिसी के अन्य शुल्क और चार्जेस अभी भी लागू हो सकते हैं।

    • पॉलिसी चयन करते समय लाभ, कवरेज और कंपनी की विश्वसनीयता पर ध्यान दें।

    सरकार द्वारा बीमा प्रीमियम पर GST शून्य करना ग्राहकों और उद्योग दोनों के लिए लाभकारी कदम है।

    • ₹30,000 मासिक प्रीमियम पर सालाना ₹64,800 तक की बचत संभव है।

    • जीवन और स्वास्थ्य बीमा अब और सुलभ और आकर्षक बन गए हैं।

    • यह कदम निवेशकों और पॉलिसीधारकों को वित्तीय योजना में राहत देगा।

    GST शून्य होने से बीमा पॉलिसियों का आकर्षण बढ़ा है, और यह कदम भारतीय नागरिकों की आर्थिक सुरक्षा और वित्तीय योजना में अहम भूमिका निभाएगा।

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