




कांग्रेस पार्टी की कार्यसमिति (CWC) की बैठक ने बिहार में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। यह बैठक बिहार के मुद्दों पर केंद्रित थी और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट चोरी के आरोप समेत कई महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले लिए गए। बैठक में पार्टी ने आगामी चुनावों में अपनी रणनीति और बिहार में अपने राजनीतिक विकल्पों को मजबूती देने पर चर्चा की।
बैठक में मौजूद वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को खतरा महसूस किया जा रहा है। राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर गहन चर्चा हुई। पार्टी ने स्पष्ट किया कि चुनावों में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं और वोटिंग प्रक्रिया में हेरफेर को वह गंभीरता से ले रही है।
कांग्रेस ने बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पर वोट चोरी और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करने के आरोपों को अनदेखा नहीं किया जा सकता। पार्टी ने बिहार में अपनी नीतियों और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कई निर्णय लिए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य के नेताओं और कार्यकर्ताओं को जनता के मुद्दों पर अधिक फोकस करना होगा।
CWC के नेताओं ने जोर दिया कि बिहार में कांग्रेस का उद्देश्य केवल चुनाव जीतना नहीं है, बल्कि वहां के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और विकासात्मक मुद्दों को भी मजबूती से उठाना है। बैठक में शामिल नेताओं ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार की नीतियों ने राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, और इसे जनता तक पहुँचाना कांग्रेस की प्राथमिक जिम्मेदारी होगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं और मुख्यमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों को जनता से सीधे संवाद स्थापित करना होगा। राहुल गांधी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि बिहार के मतदाताओं को विश्वास दिलाना होगा कि कांग्रेस ही उनके हितों की सबसे बड़ी हिमायती है।
CWC ने यह भी निर्णय किया कि आगामी चुनावों में पार्टी की सटीक रणनीति तैयार की जाएगी और सभी प्रदेश अध्यक्ष, विधायक और पार्टी कार्यकर्ताओं को इसे लागू करने के लिए निर्देशित किया जाएगा। पार्टी ने बिहार में युवाओं और महिलाओं को जोड़ने पर विशेष जोर दिया, ताकि वे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
बैठक में नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनावी प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं और वोटिंग के हेरफेर के आरोप गंभीर हैं और इसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी उजागर किया जाएगा। पार्टी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि भारतीय लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए जनता को सचेत करना जरूरी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कांग्रेस की यह बैठक पार्टी के लिए बिहार में अपनी स्थिति मजबूत करने का संकेत है। पार्टी ने न केवल राज्य में अपनी रणनीति तय की, बल्कि यह स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की अनियमितताओं को वह नजरअंदाज नहीं करेगी। इस बैठक के बाद कांग्रेस ने बिहार की राजनीति में अपनी सक्रियता और आंदोलन को और तेज करने का संकेत दिया है।
बैठक के दौरान CWC ने यह भी फैसला किया कि बिहार में पार्टी की संगठित ताकत और स्थानीय नेताओं की भूमिका बढ़ाई जाएगी। पार्टी ने यह भी योजना बनाई कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जनता के बीच सीधे संवाद स्थापित करने के लिए अभियान चलाए जाएंगे। इस दिशा में पार्टी ने सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म का भी सहारा लेने की रणनीति बनाई है।
बैठक में कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बिहार में चुनाव परिणाम केवल वोटों की संख्या तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि यह राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा और जनता की आवाज को मजबूत करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएंगे। CWC ने स्पष्ट किया कि पार्टी अपनी नीतियों और चुनावी रणनीति को जनता तक पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
इस बैठक में राहुल गांधी ने व्यक्तिगत रूप से यह संदेश दिया कि बिहार कांग्रेस के लिए केवल एक राज्य नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और जनता की आवाज को मजबूत करने का प्रतीक है। पार्टी ने यह भी कहा कि पीएम मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जनता में बढ़ती नाराजगी को पार्टी उचित तरीके से सामने लाएगी।
CWC की यह बैठक बिहार में राजनीतिक माहौल को बदलने और आगामी चुनावों में पार्टी की रणनीति को प्रभावी बनाने के लिए निर्णायक कदम मानी जा रही है। बिहार में कांग्रेस अब केवल विरोध प्रदर्शन करने वाली पार्टी नहीं रहेगी, बल्कि वह सक्रिय रूप से जनता के मुद्दों और लोकतंत्र की रक्षा में शामिल होगी।