




मध्य प्रदेश के सीधी जिले के मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) में लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस अस्पताल में जहाँ मरीजों को इलाज और देखभाल की सुविधा मिलनी चाहिए, वहां आवारा मवेशियों का जमावड़ा नजर आया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो ने जिलेभर में हड़कंप मचा दिया।
वायरल वीडियो का सच
सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मवेशी अस्पताल के अंदर खुलकर घूम रहे हैं, धमा-चौकड़ी मचा रहे हैं और मरीजों के लिए जगह नहीं छोड़ रहे हैं। वीडियो में यह भी दिखा कि अस्पताल के अंदर कोई जिम्मेदार अधिकारी या सुरक्षा कर्मी मौजूद नहीं था।
स्थानीय लोगों और वीडियो साझा करने वाले फैंस का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही ने न केवल मरीजों की सुरक्षा को खतरे में डाला है, बल्कि स्वास्थ्य केंद्र की प्रतिष्ठा को भी चोट पहुंचाई है।
स्थानीय प्रतिक्रिया
मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के पास रहने वाले लोगों ने कहा कि यह कोई नया मामला नहीं है। अस्पताल में अक्सर आवारा पशु प्रवेश कर जाते हैं और मरीजों के लिए परेशानी बढ़ा देते हैं। “मरीज़ों को इलाज के लिए आने में डर लगता है, क्योंकि मवेशियों की वजह से अस्पताल का वातावरण असुरक्षित हो गया है,” एक स्थानीय निवासी ने कहा।
स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में विवाद
यह मामला और भी गंभीर इसलिए हो गया क्योंकि यह स्वास्थ्य मंत्री के निर्वाचन क्षेत्र में हुआ। वायरल वीडियो के बाद विपक्षी दल और सोशल मीडिया यूज़र्स ने स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्रों में ऐसे लापरवाह हालात स्वीकार्य नहीं हैं।
विशेषज्ञों की टिप्पणी
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ग्रामीण इलाकों में मरीजों की पहली चिकित्सा सुविधा होते हैं। अगर इन अस्पतालों में मवेशियों का जमावड़ा होता है तो यह न केवल संक्रमण और स्वच्छता के खतरे बढ़ाता है, बल्कि मरीजों की देखभाल में भी बाधा डालता है।
विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी कि स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था मजबूत होना बेहद जरूरी है, ताकि मरीजों को आरामदायक और सुरक्षित वातावरण मिले।
सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया
वायरल वीडियो के बाद सोशल मीडिया पर गुस्से और आलोचना की बाढ़ आ गई। यूज़र्स ने स्वास्थ्य केंद्र की जिम्मेदारियों और प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाए। ट्विटर और फेसबुक पर हैशटैग के जरिए वायरल वीडियो को साझा करते हुए कई लोग अस्पताल में सुधार की मांग कर रहे हैं।
कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने लिखा कि “मरीजों की जगह मवेशियों का जमावड़ा, क्या यह स्वास्थ्य केंद्र है या पशु आश्रय?”। वहीं अन्य लोगों ने प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्री से तत्काल कदम उठाने की अपील की।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। अस्पताल परिसर की साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और मवेशियों के प्रवेश को नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि मरीजों की सुरक्षा प्राथमिकता है और जल्द ही अस्पताल में निगरानी और नियंत्रण की बेहतर व्यवस्था लागू की जाएगी।
मझौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों की जगह आवारा मवेशियों का जमावड़ा दिखाने वाला यह वीडियो यह स्पष्ट करता है कि ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में अभी भी गंभीर लापरवाही मौजूद है। स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में होने वाली ऐसी घटनाओं ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जवाबदेही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों और जनता की मांग है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षा, स्वच्छता और निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि मरीजों को सुरक्षित और आरामदायक वातावरण मिल सके।
यह मामला राज्य और देशभर के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भी चेतावनी है कि मरीजों की सुरक्षा और अस्पताल में अनुशासन सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है।