




एशिया कप 2025 में पाकिस्तान बनाम भारत के बीच खेले गए हाई-वोल्टेज मैच में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया जब पाकिस्तान के बल्लेबाज साहिबजादा फरहान ने अर्धशतक लगाने के बाद गनशॉट सेलिब्रेशन किया। इस इशारे को लेकर भारत में काफी आलोचना हुई, जिसे उत्तेजक, असंवेदनशील और अस्थिर माहौल को भड़काने वाला बताया गया। अब यह मामला आईसीसी (ICC) के पास पहुँच गया है और सुनवाई शुरू हो चुकी है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि फरहान ने खुद के बचाव में महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली का नाम लिया और उनके सेलिब्रेशन को भी उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया।
18 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए एशिया कप मैच में पाकिस्तान की ओर से ओपनर के तौर पर उतरे साहिबजादा फरहान ने जब शानदार अर्धशतक लगाया, तो उन्होंने पवेलियन की ओर देखकर बल्ले को राइफल की तरह पकड़ते हुए हवा में गोली चलाने का इशारा किया।
यह दृश्य लाइव टीवी पर कैद हुआ और सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गया। भारतीय क्रिकेट फैंस ने इसे सैन्य-प्रेरित इशारा बताया, जो भारत में हाल ही में हुए आतंकी हमलों की संवेदनाओं को आहत कर सकता है।
BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने तुरंत ICC में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई और इसे क्रिकेट के “Code of Conduct” का उल्लंघन बताया। ICC ने मामले को गंभीर मानते हुए फरहान को सुनवाई के लिए तलब किया।
सूत्रों के मुताबिक, Richie Richardson की अध्यक्षता वाली अनुशासन समिति इस मामले की सुनवाई कर रही है और फरहान को अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया है।
सुनवाई में फरहान ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि उनका इरादा किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। उन्होंने तर्क दिया कि,
“मैंने सिर्फ खुशी में सेलिब्रेट किया। जैसे विराट कोहली आक्रामक सेलिब्रेशन करते हैं या एमएस धोनी हेलीकॉप्टर शॉट के बाद फैंस के साथ रिएक्शन देते हैं, वैसे ही मैंने भी एक अलग अंदाज में खुशी जताई।”
हालांकि, धोनी और कोहली ने कभी भी गन या हिंसा को इंगित करने वाला इशारा नहीं किया, इसलिए यह तर्क ICC के कुछ सदस्यों को कमजोर और भटकावपूर्ण लगा।
भारत के पूर्व क्रिकेटरों और फैंस ने फरहान के इस सेलिब्रेशन को निंदनीय बताया। क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने ट्वीट किया:
“क्रिकेट एक जेंटलमैन गेम है। हथियारों की नकल या हिंसात्मक इशारे मैदान में स्वीकार्य नहीं हैं।”
वहीं, भारतीय फैंस ने सोशल मीडिया पर मांग की कि फरहान पर कम से कम एक मैच का प्रतिबंध लगाया जाए ताकि भविष्य में ऐसे इशारों की पुनरावृत्ति न हो।
PCB ने फरहान के समर्थन में कहा है कि उनका इशारा किसी राजनीतिक या सैन्य उद्देश्य से नहीं था। बोर्ड ने बयान जारी कर कहा:
“साहिबजादा ने जो किया, वह भावनात्मक प्रतिक्रिया थी। वह कोई धमकी नहीं थी। हमें लगता है कि इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।”
हालांकि, PCB की सफाई को ICC ने गंभीरता से नहीं लिया है और मामले की आंतरिक जांच भी शुरू कर दी गई है।
क्रिकेट के इतिहास में कई बार खिलाड़ियों के जश्न विवाद में आ चुके हैं:
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शाहिद अफरीदी ने भारत के खिलाफ मैच के दौरान गुस्से में बल्ला उछाला था।
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रविंद्र जडेजा और सिराज के सेलिब्रेशन भी कई बार चर्चा में रहे।
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लेकिन गनशॉट जैसा इशारा पहली बार सामने आया है, खासकर भारत-पाकिस्तान के संवेदनशील मुकाबले में।
ICC के नियमों के अनुसार, यदि किसी खिलाड़ी का व्यवहार खेल की भावना के खिलाफ पाया जाता है, तो उस पर निम्नलिखित दंड लगाए जा सकते हैं:
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आधिकारिक चेतावनी
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मैच फीस में कटौती
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एक या अधिक मैचों के लिए निलंबन
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गंभीर मामलों में टूर्नामेंट से बाहर
ICC अगले कुछ दिनों में अपना निर्णय सुना सकती है।
साहिबजादा फरहान का गनशॉट सेलिब्रेशन क्रिकेट की मर्यादाओं और भावना के खिलाफ माना जा रहा है। इस पर ICC की सुनवाई ने यह संकेत दे दिया है कि खेल के मैदान में हिंसा या हथियारों का कोई स्थान नहीं है — चाहे वह इशारे के रूप में ही क्यों न हो।
फरहान का धोनी और कोहली का उदाहरण देना मामला हल्का करने की कोशिश तो है, लेकिन इससे वह खुद को शायद न बचा पाएं। अब देखना दिलचस्प होगा कि ICC इस घटना पर क्या ऐतिहासिक निर्णय लेती है।