




रामनगरी अयोध्या में इस वर्ष नौवां दीपोत्सव अत्यंत भव्य और ऐतिहासिक रूप से मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित इस दीपोत्सव में 26 लाख दीप जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया जाएगा। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व का प्रतीक होगा, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी उजागर करेगा।
26 लाख दीपों
इस वर्ष के दीपोत्सव में 26 लाख दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है, जो पिछले वर्षों के रिकॉर्ड से कहीं अधिक है। राम की पैड़ी और अयोध्या के प्रमुख घाटों पर दीपों की कतारें सजेगी, जिससे अयोध्या एक दिव्य और आलोकित नगरी के रूप में उभरेगी। यह आयोजन अंधकार पर प्रकाश, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक होगा।
41 प्रमुख मंदिरों की भव्य सजावट
इस वर्ष दीपोत्सव के अवसर पर अयोध्या के 41 प्रमुख मठ-मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाएगा। इनमें हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, कनक भवन, कौशलेश कुंज, अशर्फी भवन और दिगंबर अखाड़ा जैसे प्रमुख स्थल शामिल हैं। इन मंदिरों को आधुनिक लाइटों, झालरों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया जाएगा, जिससे पूरी रामनगरी स्वर्ग के समान आलोकित दिखेगी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और रामलीला
नौवें दीपोत्सव के दौरान रामायण से जुड़ी सांस्कृतिक झांकियां, रामलीला और धार्मिक अनुष्ठान भी आयोजित होंगे। यह आयोजन भारत की सनातन परंपरा, अध्यात्म और संस्कृति का विराट उत्सव होगा। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संकल्प
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करने का संकल्प लिया है। श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद की देखरेख में यह दीपोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। परिषद के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी जयेंद्र कुमार के अनुसार, इस बार दीपोत्सव को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी है।
अयोध्या का दीपोत्सव न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह तकनीक और मनोरंजन के नए आयाम भी प्रस्तुत करता है। यह आयोजन नवरात्र उत्सव के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है।