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    बरेली में इंटरनेट सेवा 48 घंटे बंद, मौलाना तौकीर पुलिस निगरानी में; जल्द गिरफ्तारी की संभावनाएं

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    उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद हुए बवाल ने कानून-व्यवस्था की कोख में तेजी से संकट उत्पन्न कर दिया। प्रदर्शन और उपद्रव की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने शनिवार सुबह से 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश जारी किया है। स्रोतों के अनुसार, मौलाना तौकीर रज़ा को पुलिस की निगरानी में रखा गया है और उनके जल्द गिरफ्तारी की संभावना जताई जा रही है।

    • शुक्रवार को जुमे की नमाज़ के बाद एक बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए।

    • मौलाना तौकीर रज़ा के नेतृत्व में समर्थक और ग्रामीणों के बीच तनाव बढ़ा।

    • उन्होंने धार्मिक और सामाजिक मुद्दों पर कई नारे लगाए।

    • इसके बाद कुछ स्थानों पर झड़पें हुईं, पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और वारदात में कुछ वाहनों को नुकसान भी हुआ।

    • तनाव बढ़ने पर प्रशासन ने तुरंत स्थिति नियंत्रण में लेने के आदेश दिए।

    • शासन ने अफवाहों और सामाजिक अशांति को रोकने के उद्देश्य से मोबाइल डेटा तथा इंटरनेट सेवाएँ 48 घंटे के लिए निलंबित करने का आदेश दिया है।

    • इस बंदी का असर व्यापक होगा — ऑनलाइन बैंकिंग, शिक्षा, सामाजिक मीडिया और सूचनाओं की पहुंच प्रभावित होगी।

    • इंटरनेट बंदी आदेश का पालन स्थानीय इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और दूरसंचार विभाग को करना होगा।

    • प्रशासन का कहना है कि जैसे ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी, यह सेवा बहाल की जाएगी।

    • मौलाना तौकीर रज़ा को घटना के तुरंत बाद पुलिस ने निगरानी में रखा।

    • वे फिलहाल हिरासत में नहीं हैं, बल्कि पुलिस नियंत्रण में हैं, ताकि उनकी हरकतों पर नज़र रखी जा सके।

    • सूत्रों के अनुसार, प्रशासन और अर्धसैनिक बल उनकी जल्द गिरफ्तारी की तैयारी कर रहे हैं।

    • उनके खिलाफ हिंसा भड़काने, सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और उकसावे बढ़ाने के आरोप लगाए जा सकते हैं।

    • पुलिस ने संवेदनशील इलाकों में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है और अतिरिक्त बल तैनात किया गया है।

    • सुरक्षा हवाई दृष्टिकोण और CCTV निगरानी की कवायद तेज की गई है।

    • अधिशासी और स्थानीय अधिकारियों को निर्देश हैं कि स्थिति सामान्य होने पर ही इंटरनेट सेवा को पुनर्स्थापित करें।

    • यदि परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं हुईं, तो धारा 144, अधिक कड़े प्रतिबंध या फिर से इंटरनेट बंदी की संभावना बनी रहेगी।

    • इंटरनेट बंदी से आम जनता को सूचना प्राप्त करने, सामाजिक संपर्क और ऑनलाइन कार्यों में परेशानी हो रही है।

    • कई लोग इस आदेश की आवश्यकता को समझते हैं, वहीं अन्य लोग इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने वाला कदम मानते हैं।

    • व्यापार एवं शैक्षिक संस्थानों में डिजिटल लेनदेन और ऑनलाइन कक्षाएँ प्रभावित हो रही हैं।

    • स्थानीय मीडिया और समाचार स्रोत अब टेलीफोन, रेडियो और ऑफलाइन माध्यमों पर भरोसा कर रहे हैं।

    बरेली की जुमे की नमाज़ के बाद हुए बवाल ने प्रशासन को कोई विकल्प नहीं छोड़ा। इंटरनेट सेवा बंद करना और मौलाना तौकीर रज़ा पर निगरानी रखना, दोनों ही कदम सार्वजनिक शांति स्थापित करने की ओर उठाए गए हैं।

    यदि गिरफ्तारी होती है और इंटरनेट सेवा शीघ्र बहाल होती है, तो जिले की सामान्य जीवन क्रिया पुनः सक्रिय हो सकती है। लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज के युग में सूचना की शक्ति कितनी संवेदनशील और निर्णायक होती है।

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