




रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज अहम जानकारी दी कि भारत की पहली बुलेट ट्रेन सेवा मुंबई से अहमदाबाद के बीच 2025 के अंत में शुरू की जाएगी। उन्होंने इस परियोजना की गति और महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह देश के हाई-स्पीड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को एक नई दिशा देगा और यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर का विकल्प प्रदान करेगा।
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यह बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट मुम्बई-Ahmedabad हाई स्पीड रेल (MAHSR) का हिस्सा है, जिसे जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) और भारतीय रेल ने मिलकर विकसित किया है।
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परियोजना की कुल लंबाई लगभग ~500 किलोमीटर के करीब है, और इसके मार्ग में कई नए पुल, सुरंगें व viaducts शामिल हैं।
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इस ट्रेन की प्रस्तावित रफ़्तार ~320 किलोमीटर प्रति घंटा (km/h) होगी, जिससे यात्रा समय अब तक लगने वाले 7–8 घंटे की दूरी को लगभग 2.5–3 घंटे में पूरा किया जा सकता है।
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रेल मंत्री ने कहा कि यह ट्रेन “नए भारत की तकनीकी पहचान” होगी और यात्रियों को एक नए स्तर की सफाई, सुविधा और समय की बचत देगी।
रेल मंत्री ने कहा कि 2025 दिसंबर महीने में यह सेवा प्रारंभ हो सकती है — हालांकि सटीक तारीख अभी तय होने बाकी है।
उन्होंने यह भी बताया कि शुरुआत में केवल मुंबई–अहमदाबाद सेक्शन पर सेवा दी जाएगी, और बाद में इसे गुजरात के अंदरूनी इलाकों या अन्य हाई-स्पीड रेल लिंक से जोड़ा जाएगा।
चरणबद्ध तरीके से रोल‑आउट की रणनीति होगी:
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पहले सीमित संख्या में ट्रेनों की परिचालन परीक्षण
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यात्रियों के लिए परिचालन शुरू
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बढ़ते यात्री दबाव और मांग के अनुसार सेवा विस्तार
लाभ
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समय की बड़ी बचत: 7–8 घंटे की दूरी अब कुछ ही घंटों में तय होगी।
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आधुनिक सुविधा एवं सुरक्षा: एयरोडायनामिक डिजाइन, बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम और उन्नत सिग्नलिंग।
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आर्थिक एवं सामाजिक विकास: मार्ग के आसपास उद्योग, होटल, आवास और व्यवसायों में बढ़ोतरी होगी।
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पर्यावरण अनुकूल: कम उर्जा खपत और प्रदूषण नियंत्रण तकनीक लागू।
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लगे उपकरणों की स्थानीय आपूर्ति और रखरखाव सुनिश्चित करना।
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भूमि अधिग्रहण एवं पर्यावरणीय मंजूरी जैसे संवेदनशील मुद्दों को हल करना।
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तकनीकी समाकलन: आधुनिक विदेशी तकनीक को भारत की परिवहन संरचना में समायोजित करना।
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मूल्य निर्धारण और लागत वसूली — टिकट दरें इतनी ना हों कि आम जनता के लिए उपयोग अनुपयुक्त हो जाए।
मंत्री वैष्णव ने यह भी बताया कि इस बुलेट ट्रेन सिस्टम में निम्न तकनीकें शामिल होंगी:
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एल्ट्रा-हाई स्पीड रोलिंग स्टॉक (ट्रेन सेट)
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उन्नत सिग्नल एवं नियंत्रण प्रणाली — CBTC या ERTMS जैसे डिजिटल नियंत्रण
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प्लेटफ़ॉर्म स्क्रीन डोर और स्टेशन सुरक्षा प्रणालियाँ
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वुटर सुरक्षा, निगरानी कैमरा और आपात प्रतिक्रिया तंत्र
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स्मार्ट स्टेशन सुविधाएं जैसे इंटिग्रेटेड ट्रांज़िट, ए़आरएम-आधारित सूचना और बिलिंग
मुंबई से अहमदाबाद बुलेट ट्रेन की शुरुआत को लेकर उन्होंने कहा:
“हमारे लिए यह सिर्फ ट्रेन का लोकार्पण नहीं है — यह देश की तकनीकी क्षमताओं, पर्यावरण‑सचेतना और यात्रियों की सुविधा का संकल्प है। जब यात्री सोचेंगे ‘मैं सुबह मुंबई छूकर दोपहर में अहमदाबाद में हों’, तो यह सपना जल्द हकीकत बनेगा।”
उन्होंने डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा कि ज़मीनी स्तर पर अवसंरचना निवेश बढ़े हैं और इस परियोजना ने उसी राह को आगे बढ़ाया है।
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मार्ग के प्राथमिक स्टेशन: मुंबई, एक्शन (Intermediate), अहमदाबाद
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बीच में प्रस्तावित स्टेशनों पर भी स्टॉप प्लान हो सकते हैं किन्तु शुरुआत में सीमित स्टॉप होंगे।
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मार्ग में कई सुरंगें और viaducts निर्मित किए जा रहे हैं, खासकर पश्चिमी घाट पार करते हुए।
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स्टेशन डिज़ाइन आधुनिक होगा — हाई प्लेटफार्म, वातानुकूलित गोदाम व्यवस्था, यात्री संपर्क सुविधा आदि।
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ट्रायल रन और सर्टिफिकेशन — तकनीकी परीक्षण और सत्यापन
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कमर्शियल परिचालन शुरुआत — सीमित समय पर
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प्रतीक्षा वृद्धि — मांग और प्रतिक्रिया के अनुसार सेवा विस्तार
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अन्य हाई-स्पीड कॉरिडॉर्स जैसे दिल्ली–भोपाल, मुंबई–पुणे आदि में विचार
रेल मंत्रालय और भारतीय रेलवे इस परियोजना की निगरानी करेंगे और समय-समय पर जनता को अपडेट देंगे।
मुंबई से अहमदाबाद पहली बुलेट ट्रेन सेवा भारत में हाई-स्पीड रेल क्रांति की शुरुआत होगी। यह परियोजना न केवल यात्रियों को समय की बचत देगी बल्कि देश की तकनीकी शक्ति, आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगी।
यदि यह सफल हों तो भारत के अन्य शहरों में भी इस तरह की ट्रेन सेवाओं की लहर दौड़ सकती है, और देश का रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर एक नए युग में प्रवेश करेगा।