




इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए साफ़ कहा कि “कोई भी नाटकबाज़ी सच्चाई को नहीं छुपा सकती।” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ ने अपने भाषण में भारत पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए सीमा पार हमले का आरोप लगाया, जिसे भारत ने बेतुका और तथ्यहीन बताया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कथित रूप से पाकिस्तान के नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया। साथ ही, उन्होंने कश्मीर मुद्दे को भी उठाते हुए भारत की आंतरिक नीति पर सवाल खड़े किए।
इसके जवाब में भारतीय प्रतिनिधि पेतल गहलोत ने पाकिस्तान के आरोपों को ‘बेहद हास्यास्पद और नाटकीय’ बताया और कहा कि आतंकवाद फैलाने वाला देश जब खुद को पीड़ित दिखाने की कोशिश करता है, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर उसकी साख गिरती है।
ऑपरेशन सिंदूर भारत द्वारा मई 2025 में चलाया गया एक सैन्य अभियान था, जिसे जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की मौत हुई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर डाली गई थी।
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया। भारतीय सेना के अनुसार, इस कार्रवाई का उद्देश्य नागरिक नहीं, बल्कि उन नेटवर्क को ध्वस्त करना था जो सीमा पार से आतंकवाद फैला रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रतिनिधि पेतल गहलोत ने अपने जवाब में पाकिस्तान की बयानबाज़ी को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा:
“कोई भी नाटकीय बयान या झूठा प्रचार सच्चाई को छुपा नहीं सकता। आतंकवाद का पोषण करने वाला देश जब पीड़ित का चोला पहनता है, तो उसका असली चेहरा सामने आ जाता है।”
गहलोत ने जोर देकर कहा कि भारत अपने संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगा और आतंकवाद के खिलाफ़ कार्रवाई करना उसका कर्तव्य है।
भारत ने UNGA में यह साफ़ कर दिया कि वह पाकिस्तान जैसे देशों की बयानबाज़ी से दबने वाला नहीं है। भारत ने यह भी मांग की कि पाकिस्तान आतंकियों को शरण देना बंद करे और जिन आतंकियों के नाम भारत ने सौंपे हैं, उन्हें तत्काल भारत को सौंपा जाए।
इस घटनाक्रम ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया कि भारत की विदेश नीति अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक और तथ्यों पर आधारित है।
UNGA 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई यह तीखी बहस एक बार फिर यह दिखाती है कि कूटनीतिक मंचों पर भारत की स्थिति पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो गई है। Petal Gahlot की तीखी प्रतिक्रिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत की स्पष्ट नीति और आत्मविश्वास को दर्शाया है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इस जवाब के बाद अपने रुख में कोई बदलाव लाता है या फिर वही पुरानी रट दोहराता है।