




महाराष्ट्र की धरती ने एक बार फिर नवाचार और सामाजिक विकास का परचम लहराया है। शबरी आदिवासी विकास निगम (Shabari Tribal Development Corporation) को हाल ही में स्कॉच अवॉर्ड (Skoch Award) से नवाजा गया है। यह सम्मान निगम को इनोवेटिव प्रोडक्ट कैटेगरी में मिला है।
यह उपलब्धि न केवल निगम के लिए गौरव का विषय है, बल्कि पूरे आदिवासी समाज के सशक्तिकरण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हुई है।
स्कॉच अवॉर्ड क्यों है खास?
स्कॉच अवॉर्ड को भारत के प्रतिष्ठित सम्मानों में गिना जाता है। यह सम्मान सरकारों, संस्थानों और संगठनों को उनके नवाचार, उत्कृष्टता और समाज हित के लिए दिए गए योगदान के आधार पर प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार को “भारत का ऑस्कर” भी कहा जाता है। इसमें भागीदारी करने वाले संगठनों को कड़ी जांच और मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इनोवेटिव प्रोडक्ट कैटेगरी में अवॉर्ड मिलना इस बात का सबूत है कि शबरी निगम ने आदिवासी समाज के जीवन स्तर को बदलने के लिए ठोस और उपयोगी पहल की है।
शबरी आदिवासी निगम की पृष्ठभूमि
शबरी ट्राइबल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना आदिवासी समाज के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के उद्देश्य से की गई थी। यह निगम आदिवासी किसानों और उद्यमियों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन सुविधा उपलब्ध कराता है। इसके माध्यम से आदिवासी युवाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रोत्साहित किया जाता है। निगम विभिन्न उत्पादों और योजनाओं के जरिए आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रहा है।
इनोवेटिव प्रोडक्ट की खासियत
जिस इनोवेटिव प्रोडक्ट के लिए शबरी निगम को यह सम्मान मिला, वह आदिवासी जीवनशैली, परंपराओं और आधुनिकता का संगम है। उत्पाद न केवल बाजार में अपनी अनूठी पहचान बना रहा है बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास का भी संदेश दे रहा है। यह उत्पाद आदिवासी समुदाय की स्थानीय कौशल और कच्चे माल पर आधारित है। इसका उद्देश्य आदिवासी समाज को रोजगार उपलब्ध कराना और उनके पारंपरिक ज्ञान को वैश्विक पहचान दिलाना है।
मुख्यमंत्री और अधिकारियों की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा:
“यह सम्मान महाराष्ट्र के आदिवासी समाज की मेहनत और प्रतिबद्धता का प्रमाण है। शबरी निगम ने न केवल राज्य का नाम रोशन किया है, बल्कि आदिवासी समाज के लिए नए अवसर भी पैदा किए हैं।”
निगम के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह सम्मान उनके प्रयासों को और अधिक प्रोत्साहन देगा और आने वाले समय में और भी इनोवेटिव प्रोडक्ट लॉन्च किए जाएंगे।
आदिवासी समाज के लिए बड़ा कदम
इस सम्मान का सीधा असर आदिवासी समाज पर पड़ने वाला है। इस अवॉर्ड से निगम की साख और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उत्पादों को देश और विदेश में पहचान मिलेगी। आदिवासी युवाओं को अधिक रोजगार और व्यापारिक अवसर मिलेंगे। निगम को नई तकनीक और निवेश के अवसर प्राप्त होंगे।
स्कॉच अवॉर्ड और विकास का रिश्ता
स्कॉच अवॉर्ड हमेशा उन पहलों को मान्यता देता है जो समाज में वास्तविक बदलाव लाती हैं। शबरी निगम की पहल इस श्रेणी में इसलिए भी फिट बैठती है क्योंकि यह सीधे ग्रामीण और आदिवासी समुदाय से जुड़ी है। इसमें स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग किया गया है। यह महिलाओं और युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है।
नाशिक और अन्य जिलों पर प्रभाव
शबरी निगम का काम नाशिक समेत महाराष्ट्र के कई आदिवासी बहुल जिलों में सक्रिय है। इस पुरस्कार से उन सभी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों का हौसला बढ़ेगा। आदिवासी किसान और उद्यमी अब अपने उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंचा पाएंगे। स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर पैदा होंगे। यह पहल आदिवासी बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी अप्रत्यक्ष रूप से सकारात्मक असर डालेगी।
भविष्य की योजनाएं
निगम ने साफ किया है कि इस सम्मान के बाद उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। आने वाले समय में वे और भी नवाचार आधारित उत्पाद बाजार में लाने की योजना बना रहे हैं। आदिवासी उत्पादों को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचने की दिशा में काम करेंगे। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में अपने उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे।
शबरी आदिवासी निगम को स्कॉच अवॉर्ड मिलना न केवल एक सम्मान है, बल्कि यह पूरे आदिवासी समाज की उपलब्धि है। यह साबित करता है कि जब परंपरागत ज्ञान को नवाचार और तकनीक से जोड़ा जाता है, तो वह समाज के लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है।