




महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में हाल ही में हुई भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने और हजारों लोग प्रभावित हुए। मकान जमींदोज हो गए, खेत बर्बाद हो गए और सैकड़ों परिवारों को शरणार्थी शिविरों में जाना पड़ा। इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली महायुति सरकार राहत और बचाव कार्यों को तेज़ी से अंजाम दे रही है।
इसी बीच राज्य के अलग-अलग हिस्सों से लोग मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देकर पीड़ितों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। इनमें सामाजिक संगठनों के साथ-साथ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हैं।
धुले एसपी की अनोखी पहल
रविवार को जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस धुले जिले के दौरे पर पहुंचे, तो वहां एक अनोखा दृश्य देखने को मिला। धुले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) श्रीकांत धिवरे ने मुख्यमंत्री का स्वागत करने के बाद उन्हें एक चेक सौंपा। इस चेक की राशि थी—दो लाख रुपये।
यह देखकर मुख्यमंत्री क्षणभर के लिए चकित रह गए। आमतौर पर सरकारी अधिकारी स्वागत के लिए फूल या स्मृति चिन्ह भेंट करते हैं, लेकिन श्रीकांत धिवरे ने अपनी निजी कमाई से मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान देकर सभी को चौंका दिया।
कौन हैं श्रीकांत धिवरे?
श्रीकांत धिवरे भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी हैं, जो फिलहाल धुले जिले के एसपी के पद पर तैनात हैं। वे अपनी कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं।
पुलिस महकमे में उनकी छवि एक सख्त लेकिन मानवीय अफसर के रूप में देखी जाती है। धिवरे न केवल कानून-व्यवस्था संभालने में दक्ष हैं, बल्कि समाजसेवा की भावना भी उनमें गहरी है। यही कारण है कि उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए व्यक्तिगत स्तर पर इतना बड़ा कदम उठाया।
दान की यह परंपरा क्यों है खास?
अक्सर देखा जाता है कि अधिकारी और कर्मचारी किसी प्राकृतिक आपदा में सरकार के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से ही मदद करते हैं। लेकिन धिवरे ने खुद पहल करके मुख्यमंत्री राहत कोष में दान दिया।
इससे यह संदेश गया कि अगर एक वरिष्ठ अधिकारी अपनी आय से मदद कर सकता है, तो आम नागरिक भी आगे आकर पीड़ितों की सहायता कर सकते हैं। धिवरे की इस पहल ने पुलिस विभाग और समाज के बीच एक नई प्रेरणा पैदा की है।
मुख्यमंत्री फडणवीस की प्रतिक्रिया
चेक प्राप्त करने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने धिवरे की सराहना की और कहा कि ऐसे अफसर न केवल कानून-व्यवस्था को मजबूती देते हैं, बल्कि समाज की सेवा का भी आदर्श उदाहरण पेश करते हैं।
उन्होंने अपील की कि ज्यादा से ज्यादा लोग मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान करें, ताकि बाढ़ पीड़ितों तक तेजी से मदद पहुंचाई जा सके।
मराठवाड़ा बाढ़ पीड़ितों की स्थिति
मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद, बीड, जालना, परभणी और नांदेड जिलों में भारी तबाही हुई है। खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं। हजारों किसान कर्ज के बोझ और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। कई गांवों में बिजली और पानी की आपूर्ति बाधित हो चुकी है।
सरकार ने इन इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए हैं और एनडीआरएफ की टीमें भी लगातार काम कर रही हैं। लेकिन जरूरत इतनी बड़ी है कि सरकारी मदद के साथ-साथ समाज की भागीदारी भी बेहद जरूरी है।
समाज के लिए मिसाल बने धिवरे
आज जब कई लोग केवल सोशल मीडिया पर सहानुभूति जताने तक सीमित हैं, वहीं श्रीकांत धिवरे जैसे अधिकारी अपनी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का परिचय दे रहे हैं।
उनका यह कदम न केवल मराठवाड़ा के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह पूरे समाज के लिए एक प्रेरक संदेश है कि जब देश या राज्य किसी संकट से जूझ रहा हो, तो हर नागरिक को अपनी क्षमता अनुसार आगे आना चाहिए।
धुले के एसपी श्रीकांत धिवरे द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में दो लाख रुपये का योगदान यह साबित करता है कि असली सेवा केवल कर्तव्य निभाने से पूरी नहीं होती, बल्कि उसमें संवेदनशीलता और मानवीय दृष्टिकोण भी होना चाहिए।
उनका यह कदम न केवल बाढ़ पीड़ितों की मदद करेगा, बल्कि समाज में सहयोग और एकजुटता की भावना को भी मजबूत करेगा। महाराष्ट्र के लोग आज ऐसे अफसरों पर गर्व महसूस कर रहे हैं, जो कठिन समय में उम्मीद की किरण बनकर सामने आते हैं।