




एशिया कप 2025 के फाइनल में भारत के हाथों करारी हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने न केवल क्रिकेट जगत बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी हलचल मचा दी है। पाकिस्तान के कप्तान सलमान अली आगा ने घोषणा की कि उनकी टीम अपनी मैच फीस उन नागरिकों को दान करेगी जो भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए।
ऑपरेशन सिंदूर: एक पृष्ठभूमि
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत द्वारा 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों पर की गई एक सैन्य कार्रवाई थी। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना और सेना ने मिलकर नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के प्रमुख आतंकवादी मारे गए थे।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का विवादास्पद निर्णय
भारत से मिली हार के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि टीम अपनी मैच फीस उन नागरिकों को दान करेगी जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में मारे गए। PCB के अध्यक्ष मोहसिन नकवी ने इस कदम को पाकिस्तान की मानवाधिकार प्रतिबद्धता के रूप में प्रस्तुत किया।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित और खेल भावना के विपरीत बताया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने कहा कि क्रिकेट को राजनीति से अलग रखा जाना चाहिए और इस तरह के निर्णय खेल के उद्देश्य को कमजोर करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की भूमिका
ICC ने इस मामले में किसी आधिकारिक बयान से परहेज किया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, वह इस मुद्दे पर ध्यान दे रहा है। ICC के अधिकारियों ने कहा कि वे इस तरह के विवादों को सुलझाने के लिए दोनों बोर्डों से संपर्क करेंगे।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का यह निर्णय न केवल क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना है, बल्कि यह खेल और राजनीति के बीच की सीमाओं को भी उजागर करता है। इस कदम ने यह सवाल खड़ा किया है कि क्या क्रिकेट को राजनीति से अलग रखा जा सकता है, और यदि नहीं, तो इसका खेल पर क्या प्रभाव पड़ता है। भविष्य में इस तरह के निर्णयों से क्रिकेट की अंतरराष्ट्रीय छवि पर असर पड़ सकता है, और यह देखना होगा कि ICC इस पर क्या कदम उठाता है।