




जांजगीर-चांपा के नैला दुर्गा पंडाल में नवरात्र के अवसर पर सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस ने सख्त चेकिंग अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए युवाओं के हाथों से लगभग दो हजार स्टील के कड़े उतरवाए और चार चाकू जब्त किए। पुलिस का कहना है कि ये कड़े और चाकू हथियार बन सकते थे और इसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया।
पुलिस ने बताया कि नवरात्र के दौरान पंडाल में भारी भीड़ जुटती है। ऐसे में सुरक्षा के लिए पूर्वानुमान और सतर्कता बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसी भी अप्रिय घटना या हिंसा को रोकने के लिए पंडाल परिसर में विशेष निगरानी रखी गई।
इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने युवाओं को चेतावनी भी दी और कहा कि हथियार लेकर पंडाल में प्रवेश करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि जान-माल के लिए खतरा भी पैदा कर सकता है। इस अभियान का उद्देश्य केवल सुरक्षा सुनिश्चित करना और नवरात्र जैसे धार्मिक पर्व को शांतिपूर्ण बनाना था।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह अभियान संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखते हुए चलाया गया। उन्होंने कहा कि पंडाल में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा बनाकर किसी भी अप्रिय घटना को रोकना प्राथमिकता थी। अधिकारियों ने बताया कि चेकिंग के दौरान किसी भी प्रकार के हिंसक हथियार, धारदार चीज़ें या संदिग्ध सामग्री की अनुमति नहीं दी गई।
इस अवसर पर पुलिस टीम ने पंडाल के प्रत्येक प्रवेश द्वार और भीड़ वाले क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाई। CCTV और अन्य निगरानी तकनीक के माध्यम से भी पूरी व्यवस्था पर नजर रखी गई। अधिकारियों ने कहा कि यह कदम न केवल सुरक्षा के लिए बल्कि लोगों को सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण देने के लिए जरूरी था।
पुलिस ने इस अभियान को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में भी देखा। उन्होंने कहा कि नवरात्र में लोग देवी दुर्गा की पूजा करने आते हैं और उनका मुख्य उद्देश्य भक्ति और श्रद्धा होती है। इसलिए किसी भी प्रकार की हिंसा या हथियार की मौजूदगी पूजन और धार्मिक भावनाओं के लिए खतरा बन सकती थी।
स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस की सतर्कता और सुरक्षा उपायों से पंडाल में आने वाले भक्त निर्भय और सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यह कदम समाज में सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी मददगार साबित हुआ।
पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई केवल नैला दुर्गा पंडाल तक सीमित नहीं है, बल्कि जिले में नवरात्र के दौरान सभी प्रमुख पंडालों और सार्वजनिक स्थलों में सुरक्षा उपायों को कड़ा किया गया है। अधिकारी कहते हैं कि इसका मुख्य उद्देश्य नवरात्र जैसे धार्मिक अवसरों को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाना है।
पंडाल प्रशासन ने भी पुलिस के साथ सहयोग किया और भक्तों को सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसी भी संदिग्ध वस्तु को पंडाल में लाना न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह दूसरों के लिए भी खतरा उत्पन्न करता है।
इस अभियान में पुलिस ने यह भी ध्यान रखा कि कार्रवाई के दौरान किसी को असुविधा न हो और लोग पूजा-अर्चना में शामिल हो सकें। अधिकारियों ने बताया कि सभी युवाओं को समझाया गया और उन्हें पंडाल में प्रवेश करने से पहले सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की सुरक्षा पहल धार्मिक आयोजनों के लिए आवश्यक है। भीड़ और उत्सव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूर्व-सतर्कता और चेकिंग अभियान को बढ़ावा देना चाहिए। जांजगीर-चांपा पुलिस की यह पहल एक सुरक्षा और जागरूकता मॉडल के रूप में देखा जा सकता है।
अंततः कहा जा सकता है कि नैला दुर्गा पंडाल में पुलिस की चेकिंग और 2000 स्टील के कड़े उतरवाना न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था, बल्कि यह नवरात्र जैसे धार्मिक पर्व को शांति और भक्ति के साथ मनाने का भी संदेश देता है। यह कदम स्थानीय प्रशासन और पुलिस के प्रयासों की महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में याद रखा जाएगा।
इस प्रकार नवरात्र 2025 में पंडाल सुरक्षा अभियान ने यह साबित किया कि सुरक्षा, सतर्कता और समाज की जिम्मेदारी किसी भी धार्मिक आयोजन का अभिन्न हिस्सा है। पुलिस की सक्रियता और संगठन ने भक्तों के लिए शांतिपूर्ण, सुरक्षित और भरोसेमंद वातावरण सुनिश्चित किया।