




तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने बीजेपी पर करूर दौरे को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा का करूर दौरा genuine चिंता का नहीं बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव 2026 से पहले राजनीतिक फायदा उठाने की एक सस्ती चाल है।
यह मामला तब सामने आया जब अभिनेता विजय के टीवीके राजनीतिक रैली में करूर में भीड़ नियंत्रण विफलता के कारण भारी जनहानि हुई। इस घटना के बाद भाजपा-निर्मित एनडीए प्रतिनिधिमंडल ने क्षेत्र का दौरा किया।
लेकिन मुख्यमंत्री स्टालिन ने इस दौरे की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने ट्वीट किया, “बीजेपी ने मणिपुर हिंसा, गुजरात के मोरबी पुल हादसे और महा कुंभ मेला स्टैम्पिड जैसी गंभीर घटनाओं पर कभी प्रतिनिधिमंडल क्यों नहीं भेजा, लेकिन करूर में इतनी जल्दी टीम क्यों भेजी?”
स्टालिन ने कहा कि भाजपा की यह यात्रा जनता की सहायता करने या करूर की समस्या समझने के लिए नहीं थी, बल्कि यह केवल चुनाव से पहले राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश थी। उन्होंने कहा, “यह दौरा सिर्फ दिखावा था, जो तमिलनाडु के लोगों के प्रति असम्मानजनक है।”
बीजेपी के स्थानीय नेताओं ने मुख्यमंत्री के आरोपों को खारिज किया और कहा कि उनकी पार्टी हर उस जगह जाती है जहाँ जरूरत होती है और जनता की सेवा करती है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “हम करूर की जनता के साथ खड़े हैं और उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।”
करूर में हुई भीड़ दुर्घटना ने पूरे तमिलनाडु को हिला दिया है। इस घटना में कई लोगों की मौत हो गई और यह राजनीतिक सरगर्मियों का केंद्र बन गई। सभी राजनीतिक दल इस घटना का राजनीतिकरण कर रहे हैं, जो आगामी चुनावों की राजनीति को और गर्मा देता है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि स्टालिन का बयान चुनावी रणनीति का हिस्सा है, जो बीजेपी की बढ़ती पकड़ को रोकने की कोशिश है। वहीं, बीजेपी की सक्रियता इस क्षेत्र में अपनी पहुंच मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखी जा रही है।
करूर की भीड़ दुर्घटना के बाद भाजपा का प्रतिनिधिमंडल भेजना और मुख्यमंत्री स्टालिन का इसे लेकर तीखा बयान तमिलनाडु की राजनीतिक लड़ाई को नया मोड़ दे सकता है। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह घटनाक्रम दोनों दलों के बीच कड़ी टक्कर की झलक पेश करता है।