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    पढ़ाई से क्या होगा? नौकरियां अब आउटसोर्सिंग पर हैं: पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का बयान

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    पूर्व सांसद और जेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह ने हाल ही में एक बयान देकर पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया है। उन्होंने युवाओं से सवाल पूछा कि पढ़ाई-लिखाई करके आखिर क्या हासिल होगा, जब आज की नौकरियां अधिकांशतः आउटसोर्सिंग मॉडल पर चल रही हैं। इस बयान के बाद कई लोग हैरान रह गए और सोशल मीडिया पर चर्चा तेज हो गई।

    बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि शिक्षा का महत्व कम नहीं है, लेकिन बदलते रोजगार परिदृश्य में सिर्फ पढ़ाई करना अब पर्याप्त नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कई युवा वर्षों तक पढ़ाई करते हैं, महंगे कोर्सेज और डिग्री हासिल करते हैं, लेकिन नौकरी मिलने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उनका मानना है कि आज के दौर में रोजगार पाने के लिए न केवल शिक्षा, बल्कि व्यावहारिक अनुभव और कौशल भी जरूरी हैं।

    पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि भारत में नौकरियों का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। अब सरकारी या स्थायी नौकरियां सीमित हो गई हैं और अधिकांश कंपनियां आउटसोर्सिंग के माध्यम से काम कर रही हैं। इससे युवाओं को रोजगार पाने में नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बृजभूषण शरण सिंह ने युवाओं से अपील की कि वे केवल डिग्री पर निर्भर न रहें, बल्कि तकनीकी कौशल, डिजिटल दक्षता और व्यावहारिक अनुभव पर ध्यान दें।

    उन्होंने अपने बयान में मजाकिया अंदाज में यह भी कहा कि “देखो, मैं अपने हेलीकॉप्टर से आया हूं और यह सब अनुभव मेरे पास है। शिक्षा जरूरी है, लेकिन इसे सीधे नौकरी से जोड़ने की कला भी सीखनी चाहिए।” इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों और आलोचकों के बीच हलचल पैदा कर दी। कई लोगों ने उनकी बात को सही माना, जबकि कुछ ने इसे युवाओं को प्रोत्साहित करने की बजाय निराश करने वाला बयान बताया।

    विशेषज्ञों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह का बयान रोजगार और शिक्षा के बीच के बदलते संतुलन को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं के लिए केवल डिग्री हासिल करना पर्याप्त नहीं है। उन्हें तकनीकी और डिजिटल दुनिया के लिए तैयार रहना होगा। फ्रीलांसिंग, आउटसोर्सिंग, डिजिटल मार्केटिंग और तकनीकी कौशल वाले क्षेत्रों में अवसर अधिक हैं।

    राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह बयान चुनावी माहौल में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। बृजभूषण शरण सिंह के बयान को कई लोग युवाओं के बीच राजनीतिक संदेश के रूप में देख रहे हैं। उनका यह तर्क है कि शिक्षा के साथ व्यावहारिक अनुभव और कौशल का मेल ही भविष्य की नौकरियों में सफलता दिला सकता है।

    युवाओं के बीच इस बयान का मिश्रित असर देखा गया। कुछ ने इसे सच मानकर अपनी पढ़ाई और करियर योजना पर दोबारा विचार करना शुरू कर दिया। वहीं, कुछ आलोचकों ने कहा कि यह बयान युवाओं को भ्रमित कर सकता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह समाज में रोजगार और शिक्षा के महत्व पर बहस को जन्म देने वाला बयान है।

    बृजभूषण शरण सिंह ने अंत में युवाओं को यह सलाह दी कि वे शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव, डिजिटल कौशल और उद्यमशीलता के रास्ते पर भी ध्यान दें। उनका कहना है कि केवल पढ़ाई करने से नौकरी पाना कठिन हो गया है, इसलिए समय के अनुसार अपने आप को तैयार करना जरूरी है।

    कुल मिलाकर, पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का यह बयान शिक्षा और रोजगार के बदलते परिदृश्य पर प्रकाश डालता है। यह युवाओं को यह संदेश देता है कि केवल डिग्री हासिल करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि कौशल, अनुभव और तैयारियों के साथ आगे बढ़ना ही आज के दौर में सफलता की कुंजी है।

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