




महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के व्यापार और रोजगार से जुड़े एक ऐतिहासिक फैसले की घोषणा की है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को स्पष्ट किया कि अब राज्य में दुकानें और प्रतिष्ठान 24 घंटे खुले रह सकते हैं। इस फैसले का सबसे बड़ा असर मुंबई, पुणे, नागपुर, ठाणे और अन्य बड़े शहरों में दिखेगा, जहां कारोबार का दायरा दिन-रात चलता है।
फडणवीस सरकार द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र दुकानें और प्रतिष्ठान (रोज़गार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य दुकानों और प्रतिष्ठानों में रोजगार से जुड़े नियमों और शर्तों का नियमन करना है। अब इस फैसले के बाद राज्य की दुकानें, मॉल, रेस्टोरेंट और अन्य प्रतिष्ठान चौबीसों घंटे खुल सकेंगे।
हालांकि शासनादेश में यह भी साफ कर दिया गया है कि किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में काम करने वाले कर्मचारी को सप्ताह में 24 घंटे का अनिवार्य अवकाश दिया जाएगा। इसका मतलब यह है कि व्यापार चौबीसों घंटे चलेगा, लेकिन कर्मचारियों की सुविधा और अधिकारों की पूरी सुरक्षा की जाएगी।
मुंबई और पुणे जैसे शहरों में लंबे समय से कारोबारियों और रेस्टोरेंट मालिकों की यह मांग रही है कि उन्हें 24 घंटे दुकानें और प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दी जाए। अब सरकार ने इस मांग को पूरा करते हुए व्यापारियों और निवेशकों के लिए बड़ा रास्ता खोल दिया है। इससे न केवल व्यापार में तेजी आएगी बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
व्यापारिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा। खासकर पर्यटन और आईटी जैसे क्षेत्रों में इसका सीधा फायदा होगा। मुंबई, जिसे कभी “सिटी दैट नेवर स्लीप्स” कहा जाता था, अब सचमुच 24 घंटे जगमगाएगी। लोग रात में भी खरीदारी कर सकेंगे, रेस्टोरेंट जा सकेंगे और मनोरंजन का आनंद उठा सकेंगे।
सरकार का कहना है कि इस फैसले से राज्य में निवेशकों का भरोसा और मजबूत होगा। बड़ी कंपनियां और ब्रांड्स अब महाराष्ट्र को अपना व्यापारिक केंद्र बनाने के लिए और अधिक उत्साहित होंगे। साथ ही छोटे और मझोले व्यापारियों को भी कारोबार बढ़ाने का सुनहरा मौका मिलेगा।
इस फैसले के सामाजिक और सुरक्षा पहलुओं पर भी चर्चा हो रही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि 24×7 दुकानों और प्रतिष्ठानों के संचालन के लिए सुरक्षा और निगरानी के इंतजाम भी किए जाएंगे। पुलिस और प्रशासन को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि रात के समय व्यापार करते वक्त किसी तरह की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो।
महाराष्ट्र के इस बड़े फैसले से लाखों कर्मचारियों पर भी असर पड़ेगा। अब उन्हें अपने कार्य समय और अवकाश का संतुलन बनाए रखते हुए नई व्यवस्था के अनुसार काम करना होगा। हालांकि सप्ताह में 24 घंटे का अवकाश उन्हें कामकाजी जीवन और निजी जीवन के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगा।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इससे राज्य की जीडीपी पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। खासकर त्योहारी सीजन, शादी-ब्याह और पर्यटन के समय व्यापारियों को इससे बड़ा लाभ होगा। महाराष्ट्र सरकार का यह कदम न केवल स्थानीय व्यापारियों बल्कि उपभोक्ताओं के लिए भी राहतभरा साबित होगा।
कुल मिलाकर, देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार का यह फैसला राज्य की व्यापारिक संरचना को नई दिशा देने वाला है। मुंबई और पुणे जैसे शहरों में अब दिन-रात कारोबार की रौनक देखने को मिलेगी। यह कदम रोजगार, निवेश और उपभोक्ता सुविधा, तीनों ही स्तर पर लाभकारी साबित होगा।