




लद्दाख में हाल ही में हुई हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि एंगमो ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कॉर्पस याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने वांगचुक की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने के फैसले को गैरकानूनी और मनमाना करार दिया है।
लद्दाख में हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश की विशेष पहचान और छठी अनुसूची की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों के दौरान कुछ स्थानों पर हिंसा हुई, जिसमें कथित रूप से चार लोगों की मौत हुई और दर्जनों घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने सोनम वांगचुक को 26 सितंबर 2025 को गिरफ्तार कर लिया।
उन पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने लोगों को उकसाया और हिंसा को बढ़ावा दिया। प्रशासन ने उन पर NSA (National Security Act) के तहत कार्रवाई की, जिससे उन्हें लंबी अवधि तक बिना मुकदमा चलाए हिरासत में रखा जा सकता है।
गीतांजलि एंगमो की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई याचिका में निम्नलिखित प्रमुख बिंदु उठाए गए हैं:
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गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया गया है और दावा किया गया है कि यह एक शांतिप्रिय और प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता को चुप कराने का प्रयास है।
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NSA जैसे सख्त कानून का प्रयोग एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है।
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वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद परिवार से मिलने नहीं दिया गया और न ही किसी वकील से संपर्क करने की अनुमति दी गई।
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गिरफ्तारी संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार) का उल्लंघन है।
याचिका दाखिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए गीतांजलि एंगमो ने कहा:
“मेरे पति ने हमेशा लद्दाख, पर्यावरण और शिक्षा के लिए शांति से लड़ाई लड़ी है। उन पर NSA लगाना लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों का अपमान है।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और प्रशासन विरोध की आवाज को दबाने के लिए सख्त कानूनों का दुरुपयोग कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को गंभीरता से लिया है और इसे शीघ्र सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। अदालत अगले 2-3 दिनों में इस पर सुनवाई कर सकती है।
यदि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका को स्वीकार करता है और NSA लगाने को अवैध मानता है, तो यह फैसला देशभर में नागरिक अधिकारों और राज्य सत्ता के दुरुपयोग पर एक बड़ा संदेश बन सकता है।
वांगचुक की गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में सामाजिक कार्यकर्ताओं, पर्यावरण प्रेमियों और विपक्षी दलों ने विरोध दर्ज कराया है।
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एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच जैसी संस्थाओं ने भी मामले को लेकर चिंता जताई है।
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विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर विरोध की आवाज़ दबाने का आरोप लगाया है।
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लद्दाख के कई छात्र संगठनों और सामाजिक समूहों ने सोनम वांगचुक की रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किए।
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सोनम वांगचुक एक प्रसिद्ध इंजीनियर, शिक्षक और पर्यावरण कार्यकर्ता हैं।
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उन्होंने लद्दाख में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए SECMOL (Student’s Educational and Cultural Movement of Ladakh) की स्थापना की।
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उनकी शिक्षा-पद्धति और आइस स्टूप तकनीक ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
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फिल्म “3 इडियट्स” में आमिर खान का किरदार “फुंसुख वांगड़ू” उनसे प्रेरित बताया जाता है।
सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और NSA के तहत कार्रवाई न केवल कानूनी सवाल खड़े कर रही है, बल्कि यह लोकतंत्र, मानवाधिकार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मूलभूत मुद्दों पर भी गंभीर बहस छेड़ रही है।