




कर्नाटक के एमएम हिल्स वन्यजीव अभयारण्य के हनूर रेंज में एक चिंताजनक घटना सामने आई है। यहां एक बाघ के आंशिक अवशेष पाए गए हैं, जिससे वन्यजीव प्रेमियों और अधिकारियों में चिंता की लहर दौड़ गई है। प्रारंभिक जांच में इस घटना को जानबूझकर की गई हत्या का मामला माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, एमएम हिल्स अभयारण्य के पास स्थित पच्छेदोड्डी गांव के समीप वन विभाग की टीम ने बाघ के आंशिक अवशेष पाए। यह अवशेष काफी पुराने और क्षतिग्रस्त हालत में थे। इस संदिग्ध स्थिति को देखते हुए, कर्नाटक के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) स्मिता बिजूर ने स्वयं जांच दल का नेतृत्व करते हुए मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का निरीक्षण किया।
स्मिता बिजूर ने मौके पर सभी साक्ष्यों को इकट्ठा करने के साथ-साथ आसपास के इलाकों का विस्तृत सर्वेक्षण भी शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा,
“यह मामला गंभीर है और हम पूरी गंभीरता से जांच कर रहे हैं। शुरुआती संकेत हत्या की तरफ इशारा करते हैं, लेकिन सटीक जानकारी के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है।”
अधिकारीयों ने इलाके के आसपास लगे सभी सीसीटीवी फुटेज और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए तफ्तीश तेज कर दी है। साथ ही वन्यजीव अपराध निरोधक दल को भी इस मामले में सक्रिय किया गया है।
एमएम हिल्स वन्यजीव अभयारण्य कर्नाटक के महत्वपूर्ण वन्यजीव संरक्षण क्षेत्रों में से एक है। यह क्षेत्र बाघ, हाथी, तेंदुआ, और कई दुर्लभ प्रजातियों का प्राकृतिक आवास है। पिछले वर्षों में यहां वन्यजीव संरक्षण को लेकर कई परियोजनाएं भी चलाई गई हैं। हालांकि, वन्यजीवों के प्रति अवैध शिकार और अन्य खतरों के चलते यहां सुरक्षा चुनौती बनी हुई है।
इस घटना ने इस क्षेत्र में वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं।
बाघ भारत का राष्ट्रीय पशु है और इसकी संख्या वर्तमान में संरक्षण प्रयासों से धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसके बावजूद अवैध शिकार और जंगलों के सिकुड़ने से बाघों की सुरक्षा खतरे में है। एमएम हिल्स जैसे अभयारण्यों में बाघों का संरक्षित रहना पर्यावरण और जैव विविधता के लिए बेहद जरूरी है।
वन्यजीव विशेषज्ञों ने इस घटना को बेहद निंदनीय बताया है और सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है।
स्थानीय ग्रामीण इलाकों में वन्यजीवों के संपर्क में रहने वाले लोगों के लिए भी यह घटना चिंता का विषय है। वन विभाग ने लोगों से वन्यजीवों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है।
प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा बढ़ाने के लिए नियमित पेट्रोलिंग बढ़ा दी है ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए भारत सरकार ने कई कानून बनाए हैं। वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत वन्यजीवों की हत्या, अवैध शिकार और उनके आवासों को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधों के लिए सख्त सजा का प्रावधान है। इस मामले में भी अधिकारियों ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।
कर्नाटक के एमएम हिल्स वन्यजीव अभयारण्य में बाघ के आंशिक अवशेष मिलने की घटना ने वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना बाघ संरक्षण के लिए एक गंभीर चेतावनी है और इससे स्पष्ट होता है कि वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए और अधिक सख्त कदम उठाने की जरूरत है।