




मुंबई के शिवाजी पार्क में 2 अक्टूबर 2025 को आयोजित दशहरा मेला रैली में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। रैली में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए। उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में कई राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर केंद्र सरकार की आलोचना की।
उद्धव ठाकरे ने सबसे पहले पीएम मोदी के मणिपुर दौरे का जिक्र करते हुए तंज कसा। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में समस्याओं के बीच सरकार सिर्फ प्रदर्शन और दौरे करती नजर आती है। ठाकरे ने आरोप लगाया कि देश की जनता को वास्तविक समाधान नहीं मिल रहे हैं और केवल दिखावे के दौरे किए जा रहे हैं।
इसके अलावा उद्धव ठाकरे ने पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर भी गंभीर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी भी नागरिक, विशेषकर पर्यावरण संरक्षण में लगे व्यक्तियों को डराने-धमकाने की नीति गलत है। ठाकरे ने केंद्र सरकार पर सीधे निशाना साधते हुए कहा कि सोनम वांगचुक जैसे कार्यकर्ताओं की आवाज दबाई जा रही है और यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
दशहरा मेला रैली में उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर भी कई मुद्दों को लेकर हमला किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार केवल अपने समर्थकों और पूंजीपतियों के हित में काम कर रही है। आम जनता के कल्याण और सामाजिक सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। ठाकरे ने जनता को जागरूक रहने और अपने अधिकारों के लिए खड़ा होने की अपील भी की।
उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुद्दों पर भी बात की और कहा कि राज्य में किसानों की समस्याओं, बेरोजगारी और स्थानीय उद्योगों की दुर्दशा पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि राज्य में विकास का दम्भ दिखाया जा रहा है, लेकिन वास्तविक कामकाज में जनता की समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है।
रैली में ठाकरे ने कहा कि दशहरा केवल बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सामाजिक चेतना और न्याय के लिए आवाज उठाने का अवसर भी है। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि लोकतंत्र में हर नागरिक का अधिकार है कि वह अपने नेताओं से जवाबदेही मांगे और शासन की नीतियों पर नजर रखे।
सभी समर्थकों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को जनता की आवाज सुननी होगी और केवल सत्ता के प्रदर्शन के लिए फैसले नहीं लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की अनदेखी जारी रही तो जनता में नाराजगी बढ़ेगी।
रैली के दौरान उद्धव ठाकरे ने बीजेपी की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार केवल बड़े शहरों और पूंजीपतियों के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जबकि ग्रामीण और मध्यम वर्ग की समस्याओं की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे अपनी आवाज उठाएं और अपने अधिकारों के लिए खड़े हों।
उद्धव ठाकरे की यह रैली राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि दशहरा के अवसर पर यह पहला बड़ा सार्वजनिक मंच था, जहां उन्होंने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर सीधे निशाना साधा। रैली में शामिल कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने उनके विचारों का समर्थन किया और भाजपा के खिलाफ नारों के साथ समर्थन व्यक्त किया।
इस रैली ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया हलचल पैदा कर दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि उद्धव ठाकरे की यह प्रतिक्रिया केवल राजनीतिक रैली तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आगामी चुनावों और केंद्र-राज्य संबंधों पर भी प्रभाव डाल सकती है।
रैली में उद्धव ठाकरे ने जोर देकर कहा कि समाज के कमजोर वर्गों, किसानों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं के अधिकारों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर उनकी चिंता लोकतंत्र की मजबूती और नागरिकों की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।