




बिहार की राजनीति में इस समय चुनावी सरगर्मियां तेज हैं और इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वर्चुअली बिहार की जनता को संबोधित करते हुए विपक्ष पर करारा हमला बोला। मौका था ‘कर्पूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी’ के उद्घाटन का, जहां उन्होंने न केवल बिहार के महान जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि दी बल्कि विपक्ष पर उनके नाम और विरासत को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया।
अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके निशाने पर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव साफ दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि आजकल कुछ लोग बिहार के असली जननायक की पहचान को चोरी कर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह जनता को सतर्क करने का समय है ताकि वे झूठे दावों और राजनीतिक स्वार्थ में छिपी चालों को पहचान सकें।
प्रधानमंत्री ने कर्पूरी ठाकुर के योगदान को विस्तार से याद करते हुए कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने हमेशा गरीबों, वंचितों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम किया। वे सादगी और ईमानदारी की मिसाल थे। उन्होंने शिक्षा और रोजगार को समाज में समान अवसर देने का माध्यम माना और इसी कारण उनके नाम पर स्किल यूनिवर्सिटी की स्थापना बेहद महत्वपूर्ण कदम है। मोदी ने कहा कि यह संस्थान बिहार की नई पीढ़ी को न केवल कौशल बल्कि आत्मनिर्भरता का मार्ग भी दिखाएगा।
अपने भाषण के दौरान मोदी ने बिहार की जनता से यह भी अपील की कि वे सच्चे जननायकों और उनके मूल्यों को पहचानें। उन्होंने विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज कुछ लोग चुनावी मौसम में ‘जननायक’ की उपाधि का राजनीतिक उपयोग करने में जुटे हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि जिन मूल्यों के लिए कर्पूरी ठाकुर खड़े हुए, उनका पालन विपक्ष कभी नहीं करता।
प्रधानमंत्री ने युवाओं के भविष्य की चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले समय में बिहार कौशल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। उन्होंने बताया कि ‘कर्पूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी’ के जरिए लाखों युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और यह राज्य को आर्थिक दृष्टि से भी मजबूत करेगा। मोदी ने जोर दिया कि इस विश्वविद्यालय की स्थापना केवल एक शैक्षणिक पहल नहीं बल्कि बिहार की आने वाली पीढ़ी के लिए आशा का द्वार है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केंद्र लगातार बिहार को शिक्षा, रोजगार, सड़क और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में मजबूत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर जैसे नेताओं की विरासत को संरक्षित करने का ईमानदार प्रयास किया है।
बिहार की राजनीति में कर्पूरी ठाकुर का नाम हमेशा से सम्मान और जनआंदोलन का प्रतीक रहा है। उन्हें ‘जननायक’ का दर्जा उनकी नीतियों और जनसेवा की वजह से मिला। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह बयान विपक्ष पर बड़ा हमला माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मोदी का यह संबोधन आगामी बिहार चुनाव की तैयारियों का हिस्सा है और इसका सीधा संदेश जनता को देना है कि विपक्ष असली विरासत का अपहरण कर रहा है।
मोदी के इस भाषण ने बिहार के राजनीतिक गलियारों में नई हलचल पैदा कर दी है। विपक्षी दलों के नेता इसे राजनीतिक बयानबाजी बता रहे हैं, जबकि भाजपा इसे जनता को जागरूक करने का प्रयास कह रही है। आने वाले दिनों में इस बयान के बाद बिहार की राजनीति और भी गरमाने की संभावना है।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्पूरी ठाकुर स्किल यूनिवर्सिटी के उद्घाटन के मौके पर जहां एक ओर बिहार को शिक्षा और कौशल विकास का नया तोहफा दिया, वहीं दूसरी ओर उन्होंने चुनावी रणभूमि में विपक्ष को कड़ा संदेश भी भेज दिया। जनता को यह बताना चाहा कि असली ‘जननायक’ की पहचान और उनके मूल्यों का सम्मान केवल वही कर सकते हैं, जिन्होंने समाज और गरीबों की सेवा को अपना धर्म बनाया है।