




भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय ने फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने के लिए एक नई और महत्वाकांक्षी फिल्म प्रोत्साहन नीति की घोषणा की है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार ने कुल ₹1.50 करोड़ का प्रोत्साहन बजट निर्धारित किया है। सबसे बड़ी विशेषता यह है कि जो फिल्म निर्माता अपनी फिल्म का 75% या उससे अधिक हिस्सा मेघालय में शूट करेंगे, उन्हें ₹1 करोड़ तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
यह नीति देशभर और विदेशों से फिल्म निर्माताओं को मेघालय की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और शूटिंग के अनूठे अनुभव से परिचित कराने का प्रयास है।
मेघालय सरकार की इस योजना के तहत निम्नलिखित प्रमुख बिंदु सामने आए हैं:
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🎥 75% शूटिंग अनिवार्य: केवल उन्हीं फिल्मों को सब्सिडी मिलेगी, जिनका कम से कम 75% हिस्सा राज्य के भीतर शूट किया गया हो।
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💰 ₹1 करोड़ की सहायता: पात्र फिल्मों को ₹1 करोड़ तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
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🌐 सभी भाषाओं की फिल्मों को मिलेगा मौका: नीति सभी भाषाओं — हिंदी, अंग्रेजी, क्षेत्रीय भाषाओं एवं अंतरराष्ट्रीय फिल्मों — के लिए खुली है।
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🛂 सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम: शूटिंग के लिए आवश्यक सभी सरकारी अनुमति एक ही मंच पर उपलब्ध कराई जाएगी।
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👩🎓 स्थानीय क्रू को प्राथमिकता: स्थानीय तकनीशियनों, कलाकारों और कर्मचारियों को शामिल करने पर अतिरिक्त अंक दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने इस अवसर पर कहा:
“हम मेघालय को भारत का अगला फिल्म डेस्टिनेशन बनाना चाहते हैं। यह नीति केवल पर्यटन नहीं, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार, प्रशिक्षण और रचनात्मकता के नए अवसर लाने का माध्यम है।”
सरकार का मानना है कि इससे राज्य की आर्थिक स्थिति को भी बल मिलेगा और स्थानीय संस्कृति व कला को वैश्विक मंच मिलेगा।
मेघालय को प्रकृति ने सुंदरता का अनमोल उपहार दिया है। राज्य में मौजूद प्रमुख लोकेशन जो फिल्मों के लिए उपयुक्त माने जा रहे हैं:
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चेरापूंजी – विश्व में सर्वाधिक वर्षा वाला क्षेत्र
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मावलिन्नोंग – एशिया का सबसे स्वच्छ गांव
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डावकी नदी – कांच जैसी साफ नदी
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लिविंग रूट ब्रिज – प्राकृतिक जैविक पुल
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शिलांग – पहाड़ियों में बसा शांत शहर
अब तक इन स्थलों का फिल्मी दुनिया में पूरा उपयोग नहीं हुआ है, पर यह नीति इस स्थिति को बदलने का माध्यम बन सकती है।
नीति के अंतर्गत मेघालय सरकार फिल्म यूनिट्स में स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना बना रही है। तकनीकी प्रशिक्षण जैसे — कैमरा ऑपरेशन, लाइटिंग, साउंड रिकॉर्डिंग, मेकअप, प्रोडक्शन असिस्टेंस आदि क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिभाओं को मौका दिया जाएगा।
साथ ही, होटल, परिवहन, खानपान और टूर गाइड सेवाओं में भी स्थानीय व्यवसायों को सीधा लाभ मिलेगा।
मुंबई, हैदराबाद और चेन्नई के कई फिल्म निर्माताओं ने इस नीति को “प्रगतिशील” और “समय की मांग” बताया है।
प्रसिद्ध निर्माता रोहित मल्होत्रा ने कहा:
“मेघालय शूटिंग के लिए एक स्वर्ग है। अगर सरकार की यह नीति ईमानदारी से लागू की जाती है, तो बहुत से निर्माता यहां आना चाहेंगे।”
यह पहल केंद्र सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अनुरूप है, जो उत्तर-पूर्वी राज्यों को राष्ट्रीय और वैश्विक विकास धारा से जोड़ने की कोशिश करती है। मेघालय की फिल्म नीति न केवल राज्य की पहचान बढ़ाएगी, बल्कि देश में सिनेमा पर्यटन को भी नया आयाम देगी।
राज्य सरकार की योजना है कि:
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डिजिटल शूटिंग लोकेशन कैटलॉग लॉन्च किया जाए।
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फिल्म फैसिलिटेशन सेंटर की स्थापना की जाए जो निर्माता को पूरी लॉजिस्टिक मदद देगा।
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राज्य में एक मिनी फिल्म सिटी का निर्माण भी प्रस्तावित है।
मेघालय सरकार द्वारा घोषित ₹1.50 करोड़ की फिल्म प्रोत्साहन नीति न केवल राज्य को एक नए फिल्मी नक्शे पर लाएगी, बल्कि स्थानीय युवाओं, कलाकारों और व्यवसायों को भी लाभ पहुंचाएगी। यह कदम पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक खूबसूरती को सिनेमा के माध्यम से देश-दुनिया तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।