




रायचूर के डिप्टी कमिश्नर नितीश के ने कर्नाटक में एससी-एसटी समुदाय के अत्याचार पीड़ितों के लिए मुआवजा सुनिश्चित कराने हेतु अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अत्याचार के शिकार कई परिवारों को इस बात का पता ही नहीं है कि वे सरकार की ओर से मिलने वाले मुआवजे के हकदार हैं। इसलिए अधिकारियों को चाहिए कि वे पीड़ित परिवारों तक मुआवजे की प्रक्रिया को सरल बनाएं और तेजी से कार्रवाई करें।
नितीश के ने स्पष्ट किया कि सामाजिक न्याय के लिए मुआवजा वितरण न केवल पीड़ितों की आर्थिक सहायता करता है, बल्कि उनके जीवन में सम्मान और सुरक्षा भी प्रदान करता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे हर संभव प्रयास करें ताकि मुआवजे की रकम समय पर परिवारों के बैंक खातों में ट्रांसफर हो और कोई भी पीड़ित इस अधिकार से वंचित न रह जाए।
रायचूर जिले में एससी-एसटी समुदाय के खिलाफ अत्याचार के मामलों में पिछले कुछ महीनों में वृद्धि देखी गई है। ऐसे में जिला प्रशासन ने इन मामलों की निगरानी और पीड़ितों के लिए सहायता सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अत्याचार पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों को दूर करना प्राथमिकता होनी चाहिए। इसके लिए अधिकारियों को प्रत्येक गांव और नगर में जाकर जागरूकता बढ़ानी होगी, ताकि पीड़ित स्वयं अपने अधिकारों को समझ सकें और उनका लाभ उठा सकें।
उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है, ताकि वे न्याय की मांग बिना किसी डर के कर सकें। साथ ही, कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी के खिलाफ तेज कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करें।
समाजसेवी और स्थानीय नागरिक इस कदम की सराहना कर रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार की ऐसी पहल से कमजोर वर्गों को न्याय मिलने में मदद मिलेगी और सामाजिक समरसता भी बढ़ेगी।
राज्य सरकार द्वारा लागू किए गए एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुआवजा देने और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए विशेष प्रावधान हैं। लेकिन जमीन पर इस प्रक्रिया में अक्सर बाधाएं आती हैं, जो प्रशासन के इन निर्देशों से दूर होंगी।
नितीश के ने खुद इस मामले की मॉनिटरिंग का जिम्मा उठाया है और कहा है कि वे नियमित समीक्षा करेंगे ताकि अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।
रायचूर के डिप्टी कमिश्नर नितीश के के सख्त निर्देश एससी-एसटी समुदाय के अत्याचार पीड़ितों के लिए मुआवजा प्रक्रिया को तीव्र और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल सामाजिक न्याय के आदर्शों को साकार करने की ओर बढ़ती एक सकारात्मक पहल के रूप में देखी जा रही है।