




उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर से सर्द हवाओं और बर्फीले नज़ारों की वापसी हो गई है। केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब में रविवार को सीजन की पहली भारी बर्फबारी दर्ज की गई, जिससे पूरी घाटी सफेद चादर से ढक गई। इस बर्फबारी ने न केवल श्रद्धालुओं के चेहरों पर मुस्कान ला दी बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी ठंड का नया अध्याय शुरू कर दिया है।
केदारनाथ धाम का बदलता मौसम और श्रद्धालुओं की उमंग
सुबह से ही आसमान में घने बादल छाए हुए थे, और देखते ही देखते बर्फ के फाहे गिरने लगे। केदारनाथ मंदिर परिसर, रास्ते और आसपास की चोटियाँ सफेद बर्फ से ढक गईं। श्रद्धालु छतरियां थामे और मोटी जैकेट पहने हुए मंदिर की परिक्रमा करते दिखाई दिए। कई यात्रियों ने कहा कि “बर्फबारी के बीच बाबा के दर्शन करना अपने आप में दिव्य अनुभव है।”
बर्फबारी के चलते तापमान में अचानक गिरावट आई और केदारनाथ में पारा शून्य के करीब पहुंच गया। प्रशासन ने यात्रियों को मौसम की स्थिति को देखते हुए सावधानी बरतने की अपील की है। साथ ही, कुछ हिस्सों में रास्तों पर फिसलन बढ़ जाने के कारण आवाजाही थोड़ी धीमी पड़ी है, लेकिन तीर्थयात्रियों का उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ।
हेमकुंड साहिब में बर्फ की मोटी परत, बर्फ के फूलों से ढका रास्ता
दूसरी ओर, सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब में भी ताजा बर्फबारी ने अद्भुत दृश्य रचा। गुरुद्वारे के आसपास बर्फ की मोटी परत जम गई है और झील का पानी हल्के बर्फीले रंग में बदल गया है। श्रद्धालु जैकेट और मफलर में लिपटे हुए, हाथों में छतरियाँ थामे गुरुद्वारे के दर्शन के लिए पहुंचे।
स्थानीय प्रशासन ने बताया कि हेमकुंड साहिब में बर्फबारी का यह दौर रविवार सुबह से शुरू हुआ और दोपहर तक लगातार चलता रहा। इस दौरान तापमान माइनस में चला गया। हालांकि, श्रद्धालुओं की भीड़ ने धार्मिक उत्साह को ठंड के आगे झुकने नहीं दिया।
देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में बारिश से बढ़ी ठंडक
राजधानी देहरादून, मसूरी, टिहरी और चमोली जिलों में भी लगातार बारिश का दौर जारी है। मूसलाधार बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई और हवाओं में ठंडक घुल गई है। देहरादून की गलियों में सुबह-सुबह धुंध की चादर देखने को मिली, जबकि मसूरी में हल्की बर्फबारी के संकेत भी मिले हैं।
मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में अगले दो दिनों तक बर्फ़बारी और बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। विभाग ने यात्रियों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बाबा केदारनाथ धाम में गूंजे जयकारे
बर्फ से ढके केदारनाथ मंदिर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। श्रद्धालु लगातार “जय हो शंकराय” और “हर हर महादेव” के नारे लगा रहे हैं। बर्फ के बीच खड़े होकर भक्त बाबा केदारनाथ का आशीर्वाद लेते दिख रहे हैं।
स्थानीय व्यापारी बताते हैं कि बर्फबारी से जहां पर्यटकों की संख्या थोड़ी कम हुई है, वहीं होटल और लाज मालिकों के लिए यह सीजन राहत लेकर आया है क्योंकि बर्फीले दृश्यों को देखने के लिए बड़ी संख्या में यात्री जल्द ही पहुंचने वाले हैं।
बर्फबारी से मार्गों पर असर, प्रशासन सतर्क
केदारनाथ धाम जाने वाले रास्तों पर जगह-जगह बर्फ जम जाने से आवाजाही पर असर पड़ा है। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा मार्ग पर ट्रैफिक नियंत्रण के लिए अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती की है। वहीं, बद्रीनाथ और औली क्षेत्र में भी तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
चमोली जिले में हेमकुंड साहिब जाने वाले रास्ते पर फिसलन बढ़ जाने के कारण यातायात कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। मौसम साफ होते ही मार्ग दोबारा खोल दिया गया। यात्रियों को चेतावनी दी गई है कि वे यात्रा से पहले मौसम की स्थिति और प्रशासनिक निर्देशों की जानकारी अवश्य लें।
स्थानीय लोग बोले — यह तो देवभूमि का स्वर्गीय नजारा है
गौरीकुंड से लौटे एक स्थानीय निवासी ने बताया कि “पहाड़ों पर जब बर्फ गिरती है, तो ऐसा लगता है जैसे देवभूमि स्वयं सज रही हो। यह दृश्य आत्मा को सुकून देता है।” वहीं, हेमकुंड साहिब के आसपास बसे गाँवों में भी बच्चों ने बर्फ के गोले बनाकर खेलते हुए ठंड का स्वागत किया।
पर्यटन और श्रद्धा का संगम
केदारनाथ और हेमकुंड साहिब में यह बर्फबारी धार्मिक पर्यटन के लिए भी वरदान साबित हो रही है। यात्रा सीजन के आखिरी महीनों में आने वाली यह बर्फबारी भक्तों और पर्यटकों दोनों को आकर्षित कर रही है। कई ट्रैवल एजेंसियों ने तो पहले से ही “स्नो-दर्शन पैकेज” की बुकिंग शुरू कर दी है।
मौसम विभाग की चेतावनी और श्रद्धालुओं की तैयारी
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगले 48 घंटों में उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी और वर्षा हो सकती है। साथ ही, यात्रियों को आवश्यक गर्म कपड़े और जूते साथ रखने की सलाह दी गई है।
केदारनाथ में बर्फबारी के बीच श्रद्धालुओं ने कहा कि “ठंड कितनी भी हो, बाबा के दरबार में जो शांति मिलती है, वह कहीं नहीं।”उत्तराखंड के ऊंचाई वाले हिस्सों में हुई यह बर्फबारी न सिर्फ मौसम में ठंडक लेकर आई है, बल्कि श्रद्धा और भक्ति की गर्माहट से भी भरी हुई है। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के बर्फ से ढके दृश्य यह संदेश दे रहे हैं कि प्रकृति और आस्था का संगम ही देवभूमि की असली पहचान है।