इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी ने चिकित्सा जगत और समाज में हलचल मचा दी है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस गिरफ्तारी का विरोध करते हुए डॉक्टर के पक्ष में मोर्चा खोल दिया है। IMA ने डॉक्टर सोनी को दोषमुक्त कर रिहा करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें 24 घंटे के भीतर पूरी नहीं हुईं, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।
छिंदवाड़ा में इस मामले को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं। डॉ. प्रवीण सोनी पर यह आरोप है कि उनके हस्तक्षेप के कारण कफ सिरप कांड में गलत तरीके से दवा वितरण हुआ। हालांकि, IMA का कहना है कि डॉक्टर सोनी की गिरफ्तारी अनुचित है और उन्हें बिना सच्चाई जाने गिरफ्तार करना न केवल चिकित्सकीय पेशे के लिए अपमानजनक है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए चिंताजनक है।
IMA के स्थानीय और राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। विरोध में चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया, जिससे स्पष्ट संदेश दिया गया कि मेडिकल पेशेवर डॉ. सोनी के साथ हैं। IMA के अध्यक्ष ने कहा कि डॉक्टरों के प्रति इस तरह की कार्रवाई पेशेवर स्वतंत्रता और कानून की मर्यादा के खिलाफ है। उन्होंने सरकार से अपील की कि डॉ. सोनी को तुरंत दोषमुक्त कर रिहा किया जाए।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह मामला केवल डॉ. सोनी तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए एक चेतावनी का संदेश है। IMA ने इसे एक ऐसा मुद्दा बताया है, जो डॉक्टरों की पेशेवर स्वतंत्रता, नैतिकता और उनके निर्णयों पर आंच डालता है। संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी डॉक्टर को केवल आरोप के आधार पर गिरफ्तार करना, बिना व्यापक जांच के, न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।
IMA ने यह भी कहा कि डॉक्टर सोनी की गिरफ्तारी से स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, यदि चिकित्सकों को इस तरह गिरफ्तार किया जाता रहा, तो वे अपने पेशे में निर्णय लेने में डर महसूस करेंगे और रोगियों के इलाज में बाधा उत्पन्न होगी।
इस मामले में प्रशासन और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। छिंदवाड़ा पुलिस ने कहा कि डॉक्टर सोनी की गिरफ्तारी कानून के मुताबिक की गई है और जांच पूरी होने तक उन्हें हिरासत में रखना आवश्यक था। वहीं, IMA ने कहा कि यह हिरासत चिकित्सकीय पेशे की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाली है और इसे तुरंत खत्म किया जाना चाहिए।
समाज में भी इस मामले को लेकर विभाजित प्रतिक्रिया देखने को मिली है। कुछ लोग डॉक्टर की गिरफ्तारी को जरूरी मानते हैं क्योंकि यह कफ सिरप कांड की गंभीरता को दर्शाता है। वहीं, चिकित्सा समुदाय और समर्थक इस कार्रवाई को अनुचित और पेशे के खिलाफ मानते हैं।
IMA ने चेतावनी दी है कि अगर डॉ. सोनी को 24 घंटे के भीतर रिहा नहीं किया गया, तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन न केवल छिंदवाड़ा में, बल्कि अन्य जिलों में भी हो सकता है, ताकि प्रशासन और सरकार पर दबाव डाला जा सके। संगठन का कहना है कि उनका मकसद केवल डॉ. सोनी की सुरक्षा और पेशेवर स्वतंत्रता को सुनिश्चित करना है।
इस विरोध के दौरान चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया, जिससे स्पष्ट संकेत गया कि वे इस कार्रवाई के खिलाफ हैं। IMA ने सरकार और पुलिस से अपील की कि किसी भी चिकित्सक को बिना उचित जांच और साक्ष्यों के गिरफ्तार नहीं किया जाए, क्योंकि इससे पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र की प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है।
वर्तमान में मामला न्यायिक प्रक्रिया में है और छिंदवाड़ा प्रशासन ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी। वहीं, IMA ने अपने सदस्यों को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे पूरे राज्य में चिकित्सकीय समुदाय की आवाज़ सुनी जाएगी।
विश्लेषकों के अनुसार, यह मामला डॉक्टरों की पेशेवर स्वतंत्रता और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन का एक अहम उदाहरण है। यह दिखाता है कि कैसे एक व्यक्तिगत गिरफ्तारी पूरे पेशे और समाज पर व्यापक प्रभाव डाल सकती है।
कुल मिलाकर, छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड में डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी ने चिकित्सा और प्रशासनिक जगत में गंभीर बहस को जन्म दिया है। IMA का यह विरोध न केवल डॉ. सोनी के लिए समर्थन है, बल्कि पूरे चिकित्सा समुदाय के लिए एक चेतावनी और संदेश भी है कि पेशेवर स्वतंत्रता और कानूनी मर्यादा का पालन आवश्यक है।








