




नवजोत सिंह सिद्धू का नाम भारत में क्रिकेट और राजनीति के साथ-साथ टेलीविजन और कमेंट्री की दुनिया में भी जाना जाता है। उनके जीवन और करियर की विविधता ने उन्हें एक सर्वकालिक लोकप्रिय व्यक्तित्व बना दिया है। हाल ही में नवभारत टाइम्स के साथ एक खास मुलाकात में सिद्धू ने अपने इस अनस्टॉपेबल सफर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने अपनी उपलब्धियों, चुनौतियों और आगामी योजनाओं को साझा किया।
सिद्धू ने सबसे पहले राजनीति में अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा कि वहां योग्यता की सही कद्र नहीं होती। उनका मानना है कि राजनीति में हमेशा सही व्यक्तित्व और समय का महत्व ज्यादा होता है। उन्होंने कहा, “जब तक मैं जिंदा हूं, मैं कुछ नया करता रहूंगा। चाहे वह क्रिकेट हो, कमेंट्री हो, टीवी शो हो या राजनीति, मैं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहता हूं।”
क्रिकेट के मैदान में नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी बल्लेबाजी से भारत के लिए कई यादगार पल दिए। उन्होंने कहा कि क्रिकेट ने उन्हें संघर्ष और धैर्य का पाठ सिखाया। मैदान पर चौके-छक्के लगाना सिर्फ खेल नहीं, बल्कि मन और मानसिकता की जीत थी। क्रिकेट के प्रति उनका प्यार आज भी उतना ही गहरा है और वह खेल के प्रति हमेशा जुनूनी रहेंगे।
सिद्धू ने कमेंट्री के अनुभव के बारे में भी साझा किया कि कैसे उन्होंने विश्लेषण और संवाद कौशल के जरिए दर्शकों को आकर्षित किया। उनका कहना है कि कमेंट्री केवल खेल का वर्णन नहीं है, बल्कि खेल को जनता तक जीवंत और रोचक बनाना भी इसका हिस्सा है। उन्होंने अपने टीवी शो और पब्लिक अपीयरेंस के दौरान भी यही कोशिश की कि लोग उनसे जुड़ें और उनके विचारों को समझें।
राजनीति के क्षेत्र में सिद्धू का सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। उन्होंने बताया कि राजनीति में केवल प्रतिष्ठा और प्रभाव ही मायने नहीं रखते, बल्कि जनता की भावनाओं और समाज के उत्थान के लिए भी काम करना जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि अक्सर राजनीतिक माहौल में योग्य और ईमानदार नेताओं को नजरअंदाज किया जाता है, लेकिन वह अपने लक्ष्य और विचारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहेंगे।
सिद्धू का यह भी कहना है कि टीवी और मीडिया प्लेटफॉर्म उनके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने बताया कि टेलीविजन के माध्यम से वह जनता तक अपने विचार और संदेश सीधे पहुंचा सकते हैं। चाहे वह खेल विश्लेषण हो या सामाजिक मुद्दों पर चर्चा, उनका उद्देश्य हमेशा सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश देना रहा है।
इंटरव्यू के दौरान सिद्धू ने अपने जीवन के कुछ महत्वपूर्ण अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि सफलता केवल बाहरी उपलब्धियों से नहीं मापी जाती, बल्कि आत्मविश्वास, मेहनत और ईमानदारी से होती है। उन्होंने युवाओं को यह संदेश दिया कि वे किसी भी क्षेत्र में काम करने से पहले अपने जुनून और मेहनत पर ध्यान दें, क्योंकि यही उन्हें असली पहचान दिलाता है।
सिद्धू ने यह भी खुलासा किया कि उनका जीवन हमेशा सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों से जुड़ा रहा है। चाहे क्रिकेट के मैदान पर हो या राजनीतिक सभा में, उनका उद्देश्य हमेशा लोगों तक सकारात्मक बदलाव और जागरूकता पहुंचाना रहा है। उनका मानना है कि सफलता का असली माप केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों में नहीं, बल्कि समाज में किए गए योगदान में है।
इंटरव्यू का एक प्रमुख पहलू उनके अनस्टॉपबल सफर का था। सिद्धू ने कहा कि जीवन में कभी भी रुकावटों से डरना नहीं चाहिए। उन्होंने अपने अनुभव साझा किए कि कैसे कठिनाइयों और आलोचनाओं के बावजूद उन्होंने अपने लक्ष्य और जुनून को बनाए रखा। उनके अनुसार, हर व्यक्ति को अपने काम और विचारों में निरंतरता बनाए रखनी चाहिए।